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प्रथमः १] भाषाटीकासमेतम् । भाग द्वादशांश होते हैं । २ अंश ३० कलाका एक द्वादशांश होता है यह अपनीही राशिसे गिनाजाता है. जैसे-मेषके २ अंश ३० कलापर्यंत मेषका, ५० पर्यंत वृषका एवं ७३० मिथुनका, १०१० ककैका,१२३०.सिंहका,१५० कन्याका,१७३०तुलाका. २०० वृश्चिकका, २२।३० धनका, २५। ० मकरका, २७३० कुंभका,३०१ ० में मीनका द्वादशांश जानना । ऐसेही वृषमें वृषसे, मिथुनमें मिथुनादि । द्वादशांश सभी राशियोंमें जानने ॥ १० ॥
षड्वर्गसाधनचक्रम् । । प्र. र. | चं | मं. | बु. । बृ. | शु. ३. | ग. | क. | | उच्चराशि | १ | २ | १० | ६ | ४ | १२ | ७ | ३ | ९ | | अंश | १० | ३ | २८ | १५ | ५ | २७ | २० | १ | १ । नीचराश ७ | ८ | ४ | १२ | १० | ६ | १ | ९ | ३ | अंश | १० | ३ | २८ | १५ । ५ / २७ | २० | १ | १ | गृह । । ४ । । । । १ ६ । १२ मूलत्रिकाण| ५ | २ | १ | ६ | ९ | ७ | ११ ) ३ | १२ । रंगक्तश्या गौर रक्तगा. पूर्वाश्या पीत चित्र | कृष्ण। कृष्ण धूम्र वर्णरंग | ताम्र श्वेत आतर हारत पीत | चित्र | कृष्ण
देवता | अग्नि जल कुमार विष्णु चंद्र इंद्राणी ब्रह्मा राक्षस दिशापति पू० वा० द30 ई | आ | प. | नै.
ई | | पापशुभ | पाप | शुभ | पाप | शुभ | शु.
शुभ | शु. | शु. पा. पा. | पु.स्त्री.नपुं. पुं. स्त्री पु. पु | पु. स्त्री | महाभूत | अग्नि जल | अ. | भूमि आका. वायु वर्णाधीश राजा | वैश्य | रा. | वश्य | ब्रा. | ब्रा | अंत्यज सत्वादिगु सत्व सत्व तम | रज | सत्व | रज | तम । स्थान स्वालय जलाश, अग्नि कोड भ भंडार शयन | स्वात छिद्र | छिद्र.। वस्त्र मोटा | नया | दग्ध जलन अदृढ | दृढ फुटित मलि. मलि. धातु ताम्र | मणि सुवर्ण रौप्य सुव. मोत लो. | शीश | शीश ऋतु ग्रीष्म | वर्षा | ग्री० शरद | हेम । वस | शि. ग्रा० | ग्री० नि. ६. | ३ | १०। ९ । ५ । ८ । ४ । ७ ७ ७
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रायप.
न.
पु.
आ.
अं.रा.
तम । तम
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