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श्रासाविणो ]
धारण कर उत्पन्न होता है. इसके शरीर की उत्कृष्ट अवगाहना १२ योजन की होती है. जब चक्रवर्ती की सेना का विनाश होने वाला होता है तभी इसकी उत्पत्ति होती है. और इसके कारण संम्पूर्ण सेना का अन्तमुहूर्त में नाश हो जाता है. क्यों कि वह १२ योजन मिट्टी खा जाता है जिससे उतनी भूमि में बहुत बडा खड्डा पड जाता है जिसमें सेना गिरडकर नाश को प्राप्त होजाती है. A kind of serpent born in the 15 Karma Bhumis. It is born underground and has a life of one Antarmuhurta. Its bulk extends over 12 Yojanas or 96 miles. It is born under the ground occupied by the army of a Chakravarti of the above Karma Bhumis, when that army is fated to perish. It devours the earth filling the area of 96 miles and the army is swallowed up by the pit thus caused and is destroyed. " सेकितं श्रासानिया ? कहिं भंते ! श्रासालिया समुद्वंति जीवा ०
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पन्न० १३
श्रासाविणी. स्त्री० ( शाश्राविणी ) छिद्रवासी नावा प्रेमपाणि यावे व नाव. छिद्रवाली नांवा; जिसमें पानी आदे ऐसी नॉव. A boat or a ship with a leak in it. " जहा श्रासाविणि नावं जाइ धो दुरूहिया सू० १, ११, ३०; श्रामास पुं० ( श्राश्वास ) या वासन. आश्वासन. Taking rest removal of fatigue. ओघ० नि० ७३; परह० २, १ ( २ ) विश्रामना स्थान थाई सेवानी
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०४२५ विश्राम का स्थान. place. ठा० ४, ३;
श्रासासण. पुं० अश्वासन ) अश्वासन नाम नो अश्वासन नामक ग्रह. A planet
so named ठा० २, ३
सासरण्या. स्त्री० ( आश्वासना) आशीर्वाद. आशीर्वाद. Blessing; words of blessings. भग० १२, ५; श्रसासिय त्रि० ( श्रश्वसित ) आश्वासन आपेस; विश्राम सीधेस आश्वासन दिया हुआ; विश्राम लिया हुआ. ( One ) who has rested himself; (one) who has removed his fatigue. नाया० १; भग० ६, ३३;
आसि. स्त्री० ( आशिस् ) हाट. दाढ. A jaw. पन्न० १; प्रव० १५१५;
[ श्रसिद्धि
श्रसि - सी. ० ( श्रासीत् ) अस धातुना लून असनुं रूप हतो-ती-तुं. अस धातु के भूतकाल का रूप था थी थे. He sheit was. सु० च० १, १२५, ३, ११५; त्रिशे० १२६१; पिं० नि० १६१: नाया०
a resting-
३; ११: १४; भग० २, १३, १; सू० १, ६, २, २, ६, ७, उवा० ६, १६७३ पंचा० १६, १०;
वासित त्रि० ( प्रसिक्त ) थोडुं छांटे; रेस. थोडा सींचा हुआ; छिटकाव किया हुआ. Sprinkled slightly. परद० २, ३; नाया० १; जीवा० ३, ४; श्रोव ० २६;
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श्रासित्तिश्रा. स्त्री० ( प्रसिक्लिका ) : भाद्य पार्थ. एक खाद्य पदार्थ, Name or an article of food. विसाहाहिं श्रसितियाश्र भोया कजं साधेति " सू० प० १०; श्रसिद्धि. अ० ( प्रसिद्धि ) सिद्धि पर्यन्त. सिद्धि पर्यन्न. Up to, as far as Sid
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