Book Title: Ardhamagadhi kosha Part 2
Author(s): Ratnachandra Maharaj
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 953
________________ डिल्लया ] श्रिडिल्लया. स्त्री० ( निकृति ) गा; भाया. ठगाई; नीचता; माया. Deceit; meanness. श्रोत्र० ३४; शिअल न० ( निगड ) पानी मेडी; लोहानी सांडल पैर की बेडिया; लोहे की सांकल. Iron chains; fetters. ओव० ३८; fugu. fa. (faza) Get; Gaz zcUA वासुं; अविनाशी. नित्य; स्थिर स्वभाव ( ६३६ कुशल. थयेस. शिल्पकला आदि मैं (one ) trained or skilful in & handicraft etc. नाया० १; णिउणिय. त्रि० ( नैपुणिक - निपुणं सूक्ष्मं ज्ञानं तेन चरन्तीति नैपुणिका: ) सुक्ष्म ज्ञान वाला. सूक्ष्म ज्ञानवाला ( One ) possessed of expert knowledge, "नव णिउशिया वत्थु परणता" ठा० ६; वाला; अविनाशी. Permanent; | णिउत्त. त्रि० ( नियुक्त ) प्रवृत्त रेल ; Jain Education International [ श्रिय-अ steady; everlasting. सूर्य० १, १, ४, ६; जं० प० ७, १७५; गिउ. त्रि० ( निगुण ) नियत-निश्चित गुणुवा नियत निश्चित गुणवाला Pos sessed of effective merits or virtues, पंचा० ११, २०; णि उण. त्रि० ( निपुण ) निपुणु; होशियार, ईश; यतुरः यात उ. निपुण; होशियार; कुशल; चतुर; चालाक. Clever; efficient; skilful. " खंतिणिउण पागारं तिम्गुत्तं दुष्प धंसय " उत्त० ६, २०; नाया० १; ३; ६; श्र० २४; ३०; राय० ४४, ८० सू०प० १; २०; – उचिय. त्रि. ( - उचित ) निपुणु शिपायी मना at निपुण शिल्पी से बनाया हुआ. Made by a skilful artist. नाया० 9; जं० प० -- कुसल . त्रि० ( - कुशल ) धोयतुर - गिओग. पुं० ( नियोग ) आज्ञा; लुम्भ. निपु. प्रति चतुर-निपुगा very clever; very skilful. राय० ८० एवजुय. त्रि० ( - नययुत) सूक्ष्म नीतिनो विचार २नार. सूक्ष्म नीति का विचार करने वाला. ( one ) devoting attention to fine or minute points of ethics. पंचा० २, १६ – बुद्धि. स्त्री. ( - बुद्धि ) सुक्ष्म बुद्धि. सूक्ष्म बुद्धि. sharp intel. lect. पंचा० ११, २०५ – सिप्पोवराय. ( - शिल्पोपगत ) शिक्षा हिमांश येस प्रवृत्त कियाहुआ; योजित. Set about; started; planned. नाया ० ६; णिउदजीव पुं० ( निगोदजीव ) निगोहना 1. निगोद के जीव. A sentient being residing in the Nigoda class of vegetation जीवा० ६० शिउर. पुं० ( निकुर ) भे: तनुं जाऊ. एक प्रकारका वृक्ष. A kind of tree नाया०८; खिउरंब न० ( निकुरम्ब ) समूह समूह. A group; a collection. "रम्मेमहामह निउरंब भूए" नाया० १; १३; ( २ ) पुं० वृक्ष विशेष वृक्ष विशेष. a particular kind of tree. नाया० ६; शिश्रश्र पुं० ( नियोग ) व्यापार लिया. व्यापार; किया. Process; action. श्राज्ञा; हुक्म. Order; command. जं० प०५, ११७; पंचा० ६, २८ शिश्रोद पुं० ( निगोद ) : शरीरमां અનન્ત જીવ હેાય એવી વવસ્પતિ; સાધારણ वनस्पति एक शरीर में अनन्त जीव हों ऐसी वनस्पति A vegetation with infinite lives in its body. भग० २५, ५; शिश्रय- पुं० ( निगोद ) खो उपलो ०६. देखो ऊपरका शब्द. Vide above. For Private Personal Use Only www.jainelibrary.org

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