Book Title: Ardhamagadhi kosha Part 2
Author(s): Ratnachandra Maharaj
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 991
________________ शिवित्ति ] acquired. “थोवं बहु शिविट्ठम्मि ठा०५, २; ( २ ) आसात. श्रासक्त attached; passionate. सूर्य. १, ६, ३; -- कप्पठिइ. स्त्री० (-कल्पस्थिति) परिहार વિશુદ્ધ તપ પૂર્ણ કરેલની કહપસ્થિતિઃ સાધુ समायारी विशेष परिहार विशुद्ध तप पूर्ण किये हुए की कल्पस्थिति; साधु समाचारी विशेष. a particular stage of asceticconduct to which a monk has risen, ठा०५, २ - काइयक पठिइ. स्त्री० ( - कायिक कल्पस्थिति ) परिहार વિશુદ્ધ તપ કરી બહાર નીકલેલ સાધુની उपस्थिति परिहार विशुद्ध तप के बाद बाहर निकले हुए साधु की कल्पस्थिति. state of an ascetic who has completed the austerity known as Parihara Visuddha. चेय०६, २०: रिवित्ति स्त्री० ( निवृत्ति विषयेभ्यो निवत्तेनं निवृत्ति ) आरंभ वगेरे पापी निवृत्त ते. आरंभ आदि पापों से निवृत्ति ab stinance from actions which ( Jain Education International ६७७ " involve injury to or killing of living beings e. g. from flesh eating, drinking ete पंचा०७,३२; - पहाण. त्रि० (प्रधान) आरंभी निवृत धनामां प्रधान-श्रे४ आरंभ से निवृत होने में प्रधान-श्रेष्ठ. prominent or excellent in abstaining from injury or act which involves injury to living being पंचा० ७, ३२; / णि-विस धा० II. (नि+विश्) प्रवेश २वे. प्रवेश करना; भीतर घुसना. To enter, शिविसेज्जा. वि० वेय० २, १२; शिविसित्ता. सं० कृ० नाया० ८; शिविसमाण, व० कृ० वव० १, १६; २४; Vol. 1/123. [ शिवेय शिवेसे इ. प्रे० नाया० ८ १६३ विसंति, नाया० १६; विसं. नाया० १६; शिवेसेहि श्र० विवा० ६; शिवेसेह. श्र० नाया० ८; १६६ वेिसित्ता. सं० कृ० नाया० १६; राय २२३ णिवेसिय. निसी० ३, ४; शिविसमाकप्पठिह. स्त्री० ( निर्विशमानकल्पस्थिति) परिवार विशुद्ध सान्यारीनी उपस्थिति परिहार विशुद्ध कल्पाचारी की कल्पास्थिति. State of one who is going through the aus. terity known as Pariharaviśuddha. वेय० ६ २०६ शिवेश्य. त्रि० (निवेदित) निवेदन : ५. निवेदित; प्रार्थित. Made known; declared नाया० २१ णि वेद धा० I II निवेदन डर, ४याच ( नि + विद्+णि ) २४२ निवेदन करना; प्रकट करना. To declare or make known. णिवेदेइ. नाया०८:१६; शिवेति नाया० २; वेदेमि श्र० ११, नाया० १९ वेदेमो. भग ११, ११, दसा० १०, १; णिवेदज्जा. वि० दसा ० १० १, णिवेदेह. आ० १०, १; शिवेrइ. व नाया० ६; १६; १५; शिवेयइ. नाया० १४: शिवेयंति. नाया०८:१८; वेिएमो. जं० प० ना० ३; ५३: शिवेएहि श्र० नाया० १६; शिवेयण न० (निवेदन) निवेदन; लडेर ते निवेदन; प्रकाशन Act of declaring; act of making known. नाया ; For Private Personal Use Only www.jainelibrary.org

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