Book Title: Ardhamagadhi kosha Part 2
Author(s): Ratnachandra Maharaj
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 964
________________ णिजम ] ( ६५० ) [णिज्जवन भग.१५,१3 नाया. १%8 झरना-गिरना; आत्मा से कर्म का पृथक Vणिजम. था. I, II. ( नि+गम् (यच्छ)= | होना. Falling off of Karmas firom यम् ) निश्चयथा मात्र २j, मध; धन the soul; e. g. after bearing ३२. निश्चयसे प्राप्त करना;बांधना;बंधनकरना । their fruit. ठा० १, १, २, १, २, ४, To acquire; to tie; to fasten. | ४, ४, भग. ६, १, १८, ३, पन्न. १५; णियच्छति. पन• २३; सूय० २, ६, ३६; सम० १; श्रोव० ३४, ४२; पंचा० ६, १४; णियच्छति. सूय. १, ८,८; -पेहि. त्रि.(-प्रेछिन्-निर्जरां प्रेषितुं शोल. णिजुत्त. त्रि. (नियुक्त ) निभेणु; धमे त्यां मस्येतिनिर्जरा प्रेक्षी) निरातत्व ना२. हवे. नियत किया हुआ; योग्य स्थान पर निर्जरातत्व जाननेवाला. (one) who has जमाया हुआ. Appointed; arranged knowledge of the category call. in proper place. श्रोत्र. २४; ed Nirjarā. “ मज्झत्थो णिजरापेही णिजुद्ध. न. (नियुद्ध ) ई ५ जतनी सयाहमणुपालए" आया.१,८,८,५; उत्त. સલાહ સધિ સ્વીકારવામાં ન આવે તેવું યુદ્ધ. २,३६;-पोग्गल. पुं०(-पुद्गल) मामाया कोई भी प्रकार की सुलह-संधि स्वीकृत न छुटा यये। मना पास. श्रात्मा से भिन्न की जाय ऐसा युद्ध. A battly in हुए कर्म के पुद्गल. Karmic matter which the opposing hosts are separnted from the soul by not prepared to ancept any Nirjara. भग० १८, ३; - उ. ६० terms of peace. ओव. नाया. १; (-हेतु ) floor rj ५।२९५; मयना णिज्जप्प. त्रि० (निर्याप्य) सत्व क्षित (को- हेतु. निर्जरा का कारण; कम क्षय का हेतु. 1). सत्व रहित ( भोजन ). ( Food )/ cause of Nirjarā or destrucdevoid of substance. परह. २, tion of Karna. पंचा० १२, २६ ५; -पाणभोयण न० ( -पानभोजन) | णिज्जरिज्जमाण. त्रि. ( निर्जीयमान ) सत्व २लित मोसन पाए. सत्व राहत | मना पुराना क्षय ४२ता. कर्म के पुद्गलों भोजन पानी. food and drink de. का क्षय करता हुआ. ( One ) who void of substance or nutriment. is destroying Karmic matter. परह. २, ५, भग• १, १, २, ६, ३३ णिवरण. न० (निर्जरण ) निश; भ णिज्जरिय. त्रि. ( निर्जरित ) १५ रेस; ખરવું નિરસ થયેલ-ભોગવાએલ કર્મનું नि। २१. निर्जरित; आय किया हुआ. जरीन २ ५. निर्जराः कर्म का गिर पड़ना; | ( One ) who has destroyed निरस भोगे जा चुके हैं ऐसे कर्म का गिर के or caused to be wasted away. दूर होना. Falling off, frittering | " मिजरिय जरामरणं वंदित्ताजियवरं uway of Karmus from the soul महावीर " तंदु. after bearing fruit. ओव. २१; णिज्जवत्र त्रि. (निर्यापक ) डाटा प्रायणिज्जरा. स्त्री. (निर्जरा ) मनु मे शयी चित्तता निवड ४२ना२. बडे प्रायश्चित्त का १२-परQते; आत्मायी भन छुटाय; निर्वाह करने वाला. (One) who goes न मार्नु मे४. एक देश से कर्म का। through a great expiation. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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