________________
गियुत्त ]
पदार्थ एकान्त नित्य हैं ऐसे मत वाला. A believer in the doctrine that the things are everlasting.
To 5, 9;
रेश;
गियुक्त्त त्रि० ( नियुक्त ) नियुक्त लेडेल. नियुक्त किया हुआ; स्थापित; जुडा हुआ; लगाया हुआ. Employed; appointed; joined. नाया• ६; णियुद्ध. न ० ( नियुद्ध ) भत्सनु युद्ध. पहलवानों की कुश्ती; मल्लयुद्ध. Wrestling.
जं० प०
( ६६७ )
[ गिरणुकोस
nīya_Chāritra; ( during the times of the first and the last Tirthankaras ) the practice of taking the second step of ascetic discipline passing over the 1st viz. Samayika charitra (this did not involve in those days the sin of Atichāra) भग०२५, ७, ( २ ) त्रि० अतियार रहित प्रतिचार रहित. free from the sin of partial transgression. नाया० ७;
रिंगण. त्रि० ( *निरङ्गण ) राग रहित. रागरहित; विरागी. Free from passion पन्न० ११;
गिरंजण. त्रि० ( निरञ्जन - निर्गतो रञ्जनो
यस्मात् सः ) रागश्री रहित; मुक्त राग रहित; मुक्त. Devoid of attachment; liberated; free. from worldly attachment. संख इव णिरंजणे" ठा० १, १; णिरंतर न० ( निरन्तर ) निरंतर; हमेशां. हमेशा सदैव. Constantly; inces santly. भग० १३, ६, १६, १, २, ७; ४१, १; राय० ३४; श्रव० ठा० २, ३, गिरंतरिय त्रि० ( निरन्तरिक निर्गताऽन्तरिका लध्वन्तररूपा येषां ते निरन्तरिकाः )
रायण अंतररहित अंतर - अवधि रहित; भेद शून्य- Without any interval.
जीवा० ३; राय० जं० प० गिरण्डकंप. त्रि० ( निरनुकम्प ) अनुपा रहित, निर्भय अनुकम्पा विहीन; कठोर : निर्दय. Merciless; unsympathetic; cruel पराह० १, ३; नाया० २; गिरशुकोस. त्रि० ( निरनुक्रोश ) ध्या रहित. दयारहित; निर्दय Callous; ruthless.
Jain Education International
यिोग. पुं० ( नियोग – नियतो निश्चितो वा योग: सम्बंध इति नियोगः ) अनुयोग; व्यापार अनुयोग; व्यापार Employment; application; activity. (२) निश्रय; यो निश्चय; चोकस. certainty; surety. पंचा० ८, १७; गिरा. त्रि० ( निरत ) दीन; व्यासस्त. मम; डूबा हुआ; अ. सक्त; लीन. Attached to; absorbed in. पण्ह० २, १; रिइ. स्त्री० (निर्ऋऋति ) राक्षस. राक्षस A kind of demon. (२) भू नक्षत्रनेो अधिष्ठाता देवता. मूल नक्षत्र का अधिष्ठाता देवता. presiding deity of the constellation Mula. दो णिरह " ठा० २, ३; जं० प० ७, १५२; गिरइयार. पुं० ( निरतिचार ) पहेला भने છેલ્લા તીર્થંકરના વખતમાં અતિયાર લાગ્યા વિના જે સામાંયિક ચારિત્ર છેડી ખીતુ ચારિત્ર આરેાપામાં આવે છે તે; છેદે પસ્થાपनीय यात्रिो भन्ने लेह. पहिले और अन्तिम तीर्थकर के समय में बिना प्रतिचार लगाये सामायिक चारित्र के सिवाय दूसरे चारित्र का आरोपन; छेदो · स्थापनीय चारित्र का दूसरा प्रकार. The 2nd | variety of Chhedopasthapa
For Private Personal Use Only
"
www.jainelibrary.org