Book Title: Ardhamagadhi kosha Part 2
Author(s): Ratnachandra Maharaj
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 843
________________ जालय ] building. जीवा ० ३, ४, राय० १०७; जालय. पुं० ( जालक ) भुग्भे । 'जालग' शब्द. देखो 'जालग' शब्द. Vide 'ज लग' जीवा० ३, ३; जाला. स्त्री० ( वाला ) न्यासा भास अमिनी शिष्या. अग्नि की ज्वाला. A flame of fire. "जालातुरं घन छिन्ना" नाया० ( ८३१ ) पन्न० १; ५, ३; १; १६; भग० ३, २; १४, ७ मु० च० १, ३०; दस० ४; ठा० उत्त० ३६, १०६, पंचा० ३, २२; ( २ ) मावर्तीनी भाता. ६ वें चक्रवर्ती की माता. the mother of the 9th Chakravarti. सम० प० २३४; ( ३ ) ચન્દ્રપ્રમ રવામીની શાસનદેવી चन्द्रप्रभ स्वामी की शासन देवी. the tutelary goddess of Chandraprabha Svāni. प्रव० ३७७ उज्जल त्रि० (- उज्जल ) न्यासाथी उस ज्वाला से उज्वल. brightened with flame. कम्प० ३, ४६; —पयर. पुं० ( प्रकर ) न्यासांनी समूह ज्वालाओं का समूह. collection of Hames. कप्प ० ३, ४६: - माला. स्त्री० ( - माला ) ज्वासानी भाषा; पंक्ति. ज्वाला की माला; पंक्ति row of flames. भग० ३, २; जालाउ पुं० ( जाबायुष्) प्रहारनो द्रिय 4. एक प्रकार का दो इन्द्रिय वाला जीव. A kind of two-sensed liv ing being. पन० १; जाला उय. पुं० (जाला युष्क) लगे। उसे शह. देखो ऊपरका शब्द. Vide above. पन ० १ ; जालि. पुं० ( जालि ) अंतगसूत्रा थोथा વના પ્રથમ અધ્યયનનું નામ. अंतगड सूत्र के चौथे वर्ग के प्रथम अध्ययन का नाम. Name of the first chapter of the 4th section of Antagada Jain Education International For Private [ जालि Sūtra. अंत० ४, १; ( २ ) वासुदेव રાજાની ધારણી રાણીના પુત્ર, કે જે તેમનાથ પ્રભુ પાસે દીક્ષા લઇ ખાર અંગને અભ્યાસ કરી સેલ વરસની પ્રત્રજ્યા પાલી શત્રુંજય પર્વત ઉપર એક માસને પુથારે કરી સિદ્ધ थया वासुदेव राजा की धारणी राणी के पुत्र कि जो नेमनाथ प्रभु से दीक्षा लेकर द्वादश ग्रेगों का अभ्यास कर सोलह वर्ष की प्रव्रज्या का पालन कर, शत्रुंजय पर्वत के ऊपर एक मास का संथारा कर सिद्ध हुए. name of the sou of queen Dhârani, wife of the king Vasudeva. He took Dikṣa from Nemanatha Prabhu ( lord ), studied the 12 Angas, practised asceticism for 16 years and after a month's Santhara (giving up food and water ) on Satruñjaya, became & Siddha. अंत० ४, १; (३) અણુત્તરે વાઇસૂત્રના પ્રથમ વર્ગના પ્રથમ अध्ययननुं नाम. अणुत्तरोववाई सूत्र के प्रथम वर्ग के प्रथम अध्ययन का नाम. name of the 1st chapter of the 1st section of Anuttarovavãi Sūtra. अणुत्त० १ १ ( ४ ) શ્રેણિક રાજાની ધારણી રાણીના પુત્ર કે જે મહાવીર સમીપે દીક્ષા લઇ ગુણરયણુ તપ તપી સેાલ વરસની પ્રવ્રજયા પાલી વિપુલ પર્વત ઉપર એક માસને સથારે કરી કાલધર્મ પામી વિજય નામના અનુત્તર વિમાનभां उत्पन्न था. श्रेणिक राजा की धारणी राणी के पुत्र कि जो महावीर स्वामी समीप दीक्षा ले गुणरयण तप कर के सोलह वर्ष की प्रव्रज्या पालनकर विपुल पर्वत के पऊर एक मासका संथारा कर काल धर्मको प्राप्त कर Personal Use Only www.jainelibrary.org

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