________________
कलाव ]
( ४३० )
कलाव. पुं० ( कलाप ) भोर; टेल. मयूर; मोर. A peacock; a pea hen. नाया० ३; (२) समूह समूह & collection. नाया० ५; सूय० २, २, ५५, ओव विशे० १५१४; पन्न० २; १५; सु० च० १, ६०, जीवा० १; कप्प ० ३, ४१; ५, ६६; राय० २६; ११०; "आस तोसत्तविउलव हव ग्वारिय दाम कलावा" पन० २, उवा० ७, २०६; ( ३ ) |उमां परवानुं आलूपणु. गले में पहिनने का आभूषण. an ornament for the neck. भग● ६, ३३: जीवा० ३, ३; कलासिंबलिया. स्त्री० ( कलाशिविका ) भे लतनुं शींग वाणुं धान्य; वटाशा; भोरा, वगेरे. एक जाति का फली वाला धान्य; चंवराः बटला आदि. A kind of corn grow ing in pods; eg peas etc. भग०
१, १;
कलाव. पुं० (कलाय ) से नामनुं मे खनाल इस नाम का अनाज A kind of corn. पद्म० १; भग० ६, ७, कलावग. पु० ( कलापक ) अम्मां परवानुं भूषण गले में पहिनने का आभरण. An ornament for the neck. पराह० २, १;
कलावि. पुं० ( कलापिन् ) भयू२. मयूर; मोर.
A peacock. सु० च० २, २४२; कलि. पुं० (कलि) भेड मेडी संख्या एक; एक की संख्या. The number one. सूर्य० १, २, २, २३; उत्त० ६, १६; ( २ )
उमेश. लडाई; झगडा. quarrel. परा६० १, २; प्रव० ४३६; - कलुस. न० (age) slà-sdaj Ime. काल-क्लेश की मलीनता - मैलापन filthiness; malignity like that of quarrel. विवा० १;
Jain Education International
For Private
[ कालयोग
कलिऊण. सं० कृ० अ० ( कक्षयित्वा ) विया रीने. विचारकर. Having thought; thinking. सु० च० २, १५२: ३, २०७;
भक्त० १७;
कलि श्रश्र - य. न. ( कस्योज ) ने संख्याने ચારે ભાગત્તાં એક શેષ રહે તેવી સંખ્યા. जिस संख्या में चार का भाग देने से एक शेष रहता है वह संख्या. A sum which when divided by four leaves one as remainder. ठा० ४, ३; भग० १८, ४; २५, ३, ३१, १;
""
कलियोग. पुं० ( कल्योज ) भो " कत्तिशोध " शब्द देखो कलिश्र शब्द. Vide " कलिश्राश्र " भग०१८, ४, ३१, १; - कडजुम्म पुं० (- कृतयुग्म) में संख्याने ચારે ભાગતાં ચાર શેખ રહે અને લખ્યાંકને ચારે ભાગતાં એક શેષ રહે તે સંખ્યા; મહાयुग्म संख्या तेरो प्रा२. जिस संख्या में ४ का भाग देने से चार शेष बचें और लब्धि को ४ से भागने पर एक शेष बचे ऐसी संख्या; महायुग्म संख्या का तेरहवां भेद & sum which when divided by four leaves four as remainder and has a quotient which divided by four leaves one as remainder; the 13th variety of Mahāyugma number. भग०३५, १; - कलिश्रोग. पुं० (- कल्याज) में राशाने ચારે ભાગતાં એક શેષ રહે અને લખ્યાંકતે પણ ચારે ભાગતાં એક શેષ રહે તે સખ્યા; महायुग्भ संख्यानो सोलो प्रहार जिस संख्या को ४ से भागने पर एक शेष रहता है और लब्धि संख्या को भी चार से भागने पर एक शेष बचता है वह संख्या; महायुग्म संख्या का सोलहवां भेद. the 16th variety of Mahāyugma number;
Personal Use Only
www.jainelibrary.org