Book Title: Uttaradhyayan Sutra Part 01
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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उत्तराध्ययन सूत्र - अठारहवां अध्ययन ★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★
चार वादों का निरूपण किरियं अकिरियं विणयं, अण्णाणं च महामुणी। . एएहिं चउहिं ठाणेहिं, मेयण्णे किं पभासइ॥२३॥
कठिन शब्दार्थ - किरियं - क्रिया, अकिरियं - अक्रिया, विणयं - विनय, अण्णाणंअज्ञान, महामुणी - महामुनिश्वर, एएहिं - इन, चउहिं - चार, ठाणेहिं - स्थानों (वादों) द्वारा, मेयण्णे - मेदज्ञ - कुछ एकान्तवादी तत्त्वज्ञ, किंपभासइ - कुत्सित प्ररूपणा करते हैं।
भावार्थ - क्षत्रिय राजर्षि संजय मुनि से कहते हैं कि हे महामुनीश्वर! क्रियावाद, अक्रियावाद विनयवाद और अज्ञानवाद इन चार स्थानों (वादों) द्वारा वादी लोग अपनी-अपनी इच्छानुसार एकान्त पक्ष का प्रतिपादन करते हैं, किन्तु उनका कथन युक्ति-संगत न होने से अयुक्त है।
विवेचन - क्रियावादी लोग आत्मा को सदा क्रियाशील मानते हैं। उनका कथन है कि. आत्मा सदा क्रिया करती ही रहती है। अक्रियावादी लोग आत्मा को अक्रिय मानते हैं। विनयवादी लोग केवल विनय से ही मोक्ष मानते हैं। अज्ञानवादी लोग अज्ञान से मोक्ष मानते हैं। ये सब एकान्त पक्ष को लेकर विवाद करते हैं, उनका कथन युक्ति संगत नहीं है। ___ प्रस्तुत ‘गाथा में भगवान् महावीर स्वामी के समकालीन एकान्तवादियों के द्वारा अभिमत चार वादों का उल्लेख है। सूत्रकृतांग सूत्र में इन चारों के ३६३ भेद बताए गए हैं। यथा - क्रियावादियों के १८०, अक्रियावादियों के ८४, वैनयिकों के ३२ और अज्ञानवादियों के ६७ भेद हैं। ये चारों वाद एकान्त होने के कारण मिथ्यात्वयुक्त हैं। ये दूसरों के विचारों को एकान्त असत्य कहते हैं दूसरी अपेक्षाओं को ठुकरा देना ही इनका कुत्सित भाषण है।
क्षत्रिय मुनि, संजयराजर्षि से कहते हैं इन एकान्तवादी असत्य प्ररूपकों के एकान्तवाद रूप असत्य प्ररूपण को तुम्हें ज्ञ परिज्ञा से जान कर प्रत्याख्यान परिज्ञा से छोड़ देना चाहिए।
इइ पाउकरे बुद्धे, णायए परिणिव्वुए। विज्जाचरणसंपण्णे, सच्चे सच्चपरक्कमे॥२४॥
कठिन शब्दार्थ - पाउकरे - प्रकट किया है, बुद्धे - तत्त्ववेत्ता, णायए - ज्ञातपुत्र ने, परिणिव्वुए - परिनिर्वृत्त - सब प्रकार से परिशांत, विजाचरणसंपण्णे - विद्या और चरण से सम्पन्न, सच्चे - सत्यवादी, सच्चपरक्कमे - सत्य में पराक्रम करने वाले।
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