Book Title: Tattvartha Sutra Part 02
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 14
________________ Rasan - तत्वार्थस्त्र भुतिरास्वव उच्यते। तन्त्र-मनोवा कायानां क्रियारूपं कर्मयोगः आत्मपदेशपरिस्पन्दरूप आख्यायते। तबाऽभ्यन्तरवीर्यान्तराय नो इन्द्रियावरणक्षयोपशमात्मक मनोलब्धिसानिध्ये वाह्यनिमित्तमनोवर्गणालम्बने च सति मनःपरिणामाभिमुखी भूतस्यात्मनः यदेशपरिस्पन्दो मनोयोगः ॥२॥ शरीरनामकर्मादयसम्पादितवाग्वर्गणालम्बने सति वीर्यान्तरायके सतिभाक्षरायावरणक्षयोपशयापादितवाग्लब्धिसमिधाने वाक्परिणामाभिमुखस्यात्मनः प्रदेशपरिस्पन्दो वाग्योगः२, वीर्यान्तरायक्षयोपशमसद्भावे सति औदारिकक्रिया-ऽऽहारकादि पञ्चविध शरीरवर्गणान्यतमा-ऽऽलम्बने च सति आत्मप्रदेशपरिस्पन्दः काययोगा३, स त्रिविधो योगः-आस्रवः कथ्यते । मनोयोग, वचनयोग; और काययोग आदि आस्रव कहलाते हैं। तात्पर्य यह है कि मन, वचन, और कायकी क्रिया से आत्मा के प्रदेशों में परिस्पन्दन होता है, वह योग कहलाता है। जब आभ्यन्तर कारण वीर्यान्तराय कर्म तथा नो इन्द्रियावरण कर्म के क्षयोपशमरूप मनो'लब्धि का सान्निध्य होता है और बाह्य कारण मनोवर्गणा का आलम्बन होता है, तब मन रूप परिणमन की ओर अभिमुख आत्मा के प्रदेशों में जो परिस्पन्दन (हलन-चलन) होता है, वह मनोयोग कहलाता है। शरीर नाम कर्म के उद्य से प्राप्त वचन वर्गणी का आलम्पन होने पर तथा वीर्यान्तराय एवं मति-अक्षरा वरण आदि के क्षयोपशम से प्राप्त होने वाली वचन लब्धिका सन्निधान होने पर वचन रूप परिणाम के अभिमुख आत्मा के प्रदेशों का परिस्पन्दन वचनयोग कहलाता हे । जब अन्तरंग कारण वीर्यान्तराय कर्म का क्षयोपशम होता है और | મોગ, વચન અને કાયયેગ આદિ આસ્રવ કહેવાય છે. તાત્પર્ય એ છે કે મન, વચન અને કાયાની ક્રિયાથી આત્માનાં પ્રદેશમાં જે પસ્પિન્દન થાય છે, તે જે ગ કહેવાય છે જયારે આભ્યન્તર કારણ વીતરાયકર્મ તથા નઈન્દ્રિય બાહ્ય કર્મભેદ ક્ષપશમ રૂપ મને લબ્ધિનું સાનિધ્ય થાય છે. અને બાહ્ય કારણ મનેવગણનું આલંબન હોય છે, ત્યારે મન રૂ૫ પરિણમનની તરફ અભિમુખ આત્માનાં પ્રદેશમાં જે પરિસ્પન્દન હલન-ચલન) થાય છે તે માગ કહેવાય છે. • શરીર નામકર્મના ઉદયથી પ્રાંસ વચનવણાનું આલઓન થવાથી તથા વર્યાન્તરાય અને અતિ-અજ્ઞાન બાહ્ય - આદિના ક્ષચે પશમથી પ્રાપ્ત થનારી વચનલબ્ધિના સાનિધ્ય થવાથી વચનરૂપ પરિણામના અભિમુખ આત્માની પ્રદેશના પરિપબ્દનને વચનગ કહેવાય છે. જ્યારે અન્તરંગ ફારણુ વીર્યા

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