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नमस्कार मत्र का प्रभाव
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और अनन्तकाल तक जगमगाता रहेगा। जो लोग श्रद्धा और भक्ति से इसका जाप करेंगे, वे नियम से सुफल को प्राप्त करेंगे। आप लोग यदि इस-भव और पर-शव म आनन्द प्राप्त करना चाहते है तो इसके भक्त वनो और श्रद्धा से इसका जाप करो। इसके जापकी जो विधि अभी बतायी गई है, तदनुसार इसकी आराधना करो। ये तवरात्रि ही इसके जाप-आरम्भ करने का सबसे उत्तम अवसर है। यदि इन दिनो बायबिल पूर्वक नवपद की आराधना करेंगे और श्रीपाल का चरित सुनेगे, तो आप लोगो को सदा आनन्द ही आनन्द रहेगा। वि० स० २०२७ आसोजसुदि ६
जोधपुर