Book Title: Naishadhiya Charitam 03
Author(s): Mohandev Pant
Publisher: Motilal Banarsidass

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Page 12
________________ पठः सर्गः कहता है-'सलिलमये शशिनि रवेर्दीधितयो मूछितास्तमो नैशम् / क्षपयन्ति दर्पणोदरनिहिता इव मन्दिरस्यान्तः // शब्दालंकारों में 'रथा' 'रथि' छेक और अन्यत्र वृत्त्यनुप्रास है। चित्रं तदा कुण्डिनवेशिनः सा नलस्य मूर्तिर्ववृते नदृश्या। बभूव तच्चित्रतरं तथापि विश्वैक दृश्यैव यदस्य मूतिः // 8 // अन्वयः–तदा कुण्डिनवेशिनः नलस्य सा मूर्तिः नदृश्या ववृते ( इति ) चित्रम्; तथापि अस्य मूतिः विश्वकदृश्या एव यत् बभूव, तत् चित्रतरम् / टीका-तदा तस्मिन् समये कुण्डिनवेशिनः कुण्डनपुरीं प्रविष्टस्य नलस्य सा सौन्दर्ये प्रसिद्धा मूर्तिः कायः नदृश्या न द्रष्टु योग्येति ( सुप्सुपेति समासः) अदर्शनारे असुन्दरीति यावत् ववृते जातेति, चित्रम् आश्चर्यम्, सुन्दरी मूर्तिः असुन्दरी जातेति विरोधः तत्परिहारस्तु नदृश्या दृग्विषयातीतेति 'भूयादन्तधिसिद्धेः' ( 5 / 137 ) इत्यनुसारेण लोकलोचनागोचरीभूता, अन्तहितेति यावत् जाता / तथापि अन्तहितत्वेऽपि अस्य नलस्य मूर्तिः कायः विश्वस्य निखिलसंसारस्य (ष० तत्पु० ) एका केवला दृश्या दृग्गोचरीभूता ( कर्मधा० ) एव यत् बभूव जाता तत अतिशयेन चित्रमिति चित्रतरम अधिकाश्चर्यम्, अन्तहिता सर्वलोकलोचनप्रत्यक्षा चेति विरोधः, विश्वस्मिन् संसारे नलमूर्तिः एकमात्रसुन्दरीति तत्परिहारः, तादृशसौन्दर्यस्य लोकेऽन्यत्राभावात् // 8 // ___ व्याकरण-कुण्डिनवेशिनः कुण्डिनं विशतीति कुण्डिन + /विश् + णिन् / मूर्तिः मूर्च्छति ( निश्चिताकारं गृह्णाति ) इति मूर्छ + क्तिन् / दृश्या द्रष्टु योग्येति दृश् + क्यप् + टाप् / ववृते /वृत् + लिट् / चित्रतरम् चित्र + तरप् / अनुवाद-आश्चर्य है कि कुण्डिनपुरी में प्रविष्ट हुए नल का वह ( प्रसिद्ध सुन्दर ) शरीर अदृश्य-असुन्दर-बन गया, नहीं, नहीं अदृश्य-अन्तर्ध्यान हो गया। इसमें भी अधिक आश्चर्य यह कि अदृश्य-अन्तर्धान होता हुआ भी उसका शरीर विश्वभर को एकमात्र दृश्य-प्रत्यक्ष-ही रहा, नहीं नहीं, विश्वभर में एकमात्र दृश्य-सुन्दर-ही रहा / / 8 / / टिप्पणो-यहाँ कवि ने दृश्य शब्द में श्लेष रखकर विरोधाभास की छटा दिखाई है / दृश्य का एक अर्थ सुन्दर और दूसरा चक्षुग्राह्य होता है / इन्द्र द्वारा दी हुई इच्छानुसार अदृश्य हो जाने की शक्ति से नल एकदम नगरी के भीतर प्रवेश करते ही अदृश्य अर्थात् अन्तर्धान हो गये। अदृश्य शब्द का दूसरा अर्थ

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