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ज्योतिषचमत्कार समीक्षायाः गवन्त गोविन्द तोडेवाले ने गतवर्ष मान्यथा पं० बानगंगाधर लिम्मक महोदय को अध्यक्षता में घहरे से कुण्डली तय्यार करने की परीक्षा दिखाई थी, एक मनुष्य की कुण्डली देख कर माता पिता भ्राता भादि सारे कटुम्ब की बहुत सी बातें बताई। शारदा मठ के जगद्गुरु मह राज ने पपिउत जी को ज्योलिषभूषणा की पदवी दी है। करवीर और सद्धेश्वर के शंकराचार्य महाराज ने इन्हें ज्योतिः कलादर्श को उपाधि तथा स्वगणपदक दिया है। श्रीमान् महाराज बहादुर दग्भंगा महामराहुल द्वारा पण्डित जी को उत्तम उपाधि देंगे। निजाम राज्य में आपकी बड़ी प्रतिष्ठा हैं अभिप्राय यह है कि अभी गुण ग्राहक भी मिलते ही हैं। अगस्त १९०७ ई० के श्रीवेंकटेश्वर में परिहत जी का चित्र तथा चरित्र खपा है।
फलित की सत्यता के ऐसे २ प्रत्यक्ष प्रमाण होने पर भी लिपटी साहब पं० जनादन जी में ज्योतिषचमत्कार नाम की फलित के जशहन की पुस्तक बना डाली । हिन्दू धर्म के विरुद्ध लेख उसमें देखकर मुझे खंडन सिखना पड़ा और किसी प्र. कार का द्वेष वा विरोध पगिडतजी से मेरा नहीं है। किन्तु मि. प्रता (रिस्तेदारी ) है यह पुस्तक केवल धर्मरक्षा के अभिप्राय से लिखी है पाठक चमत्कार से इमको मिलाकर सत्यासत्य का निर्णय करें भल चक दृष्टिदोष जो कुछ रहगया हो क्षमा करके सज्जन गणा सुधार लेवें।।
धन्यवाद-भमिका समाप्त करने से पूर्व घरेली के प्रसिद्ध वकील श्रीमान् वाब जानकीप्रसाद जी ऐम, ए० तथा वाब शंकर लाल ऐम० ए०-महोदय इन दोनों महाशयों को अनेक धन्यवाद देता हूं। छपाने से पूर्व जिन्हों ने इस पुस्तक का अवलोकन किया। तथा महोपदेशक पं० भीमसेन शर्मा सम्पादक ब्रा० स० को धन्यवाद है आपने इस के शोधने छपाने की सहायता दी। पं० त्रिलोचन जी से इम की ( प्रति. निधी ) नकल लिखघाई धन्यवाद- ओं शान्तिः ३
शिलौटी } भीमताल-नैनीताल रामदत्त ज्योतिर्विद्
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