Book Title: Murtimandan
Author(s): Labdhivijay
Publisher: General Book Depo

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Page 187
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १२ ज्योतिष चमत्कार समीक्षायाः ॥ हैं। नीम वर्ष में ऐसे दो वर्ष कदापि नहीं पड़ सकते जिन में शुभग्रह की दृष्टि इत्यादि न हो। फिर दुनिया भर के वालकों को भरने की फिर आप को कों पड़ी, विना दीर्घायु योग पड़े केवल इन योग के पड़ने से शवश्य मृत्यु होगी। जन्म पत्र इन वागकों के दिख दूं यह बात आपने विचित्र कही जोषित बालकों के मिना दीर्घायु योग अथवा विना शुभयोग के ऐसे जम्मान गरे जन्म में भी नहीं दिखा सकेंगे। हो मरे हुये बालकों के जन्मपत्र किसी परिहन को धोखा देने के लिये भाप ने रख छोड़े हों तो ठीक है आप दिखा देंगे। जोशी जी ! ईश्वर जिस्की रक्षा करता है उसी के ऊपर ग्रह की शभद्रष्टि भी होती है। ऐमी गौटी २ वांतें भी भाप नहीं समझते कहां तक बुद्धि की तारीफ करें शरीर से भी स्थल मान पड़ती है ॥ ४-धनी लोगों के जन्मपत्र में यह भी लिखा देखा कि शनि उच्च का है धनी होगा पर ढाई वर्ष तक उच्च का होता है उन में बहुतेरे घोर दरिद्री हैं । ___समीक्षा-कोई प्रमाण तो दिया होता जोशी जी ! केवला उच्च का शनि हो जाने मात्र से ही धनवान होना कहीं नहीं लिखा है। इस प्रकार के अनेक योग होने में एक राजयोग पूरा होता है। फिर श्राप व्यर्थ प्राक्षप क्यों करते हैं? (पञ्चःदिभिरन्यवंशजाता ) के अनुसार पांच ग्रह जिम के उच्च के पड़े हों ऐसे पुरुष को श्राप दरिद्री दिखा दें। हम दश हजार की डींग तो नहीं हांक ते पर जो कुछ होगा पत्र पुष्प प्राप की नजर करके अपनी हार मान लेंगे। ५-पहिले कोठे से बालक का रंग बललाते हैं गोरा है या काला ? क्या रूस और यूरोप में मव के ग्रहों का एक ही माल होता है। जो सब गोरे ही होते हैं । हसब देश में सब काले क्यों होते हैं ? क्या सब ही को केतु होता है। For Private And Personal Use Only

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