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८ ज्योतिषचमत्कार समीक्षायाः ॥ प्राप का चा दिन है या पक्का दिल, क्योंकि खण्डन करके से तो भाप ने दिखाया है कि हमारा पक्का दिल है। और अभी पृ० १५२ पं०५ में "मुझे निाश का रिश्वास है" भाप लिख पाये हैं। प्रापने ज्योतिष के निर्याणा में विश्वास किया तो आप कच्चे दिल वाले अपने ही लेख से सावित हुए ॥
पाठक ! पूर्वापर विरोध देखा ? पहिले पृष्ठ और दूसरे पृष्ठ के लेखों को भी खबर नहीं रही । तब ही तो लोटा चढ़ाने का सन्देह होता है ॥ ____ ज्यातिष अद्भुत विद्या है नैणि निकालने वाले अनेक ज्योतिषी विद्वान अब भी भारतवर्ष में विद्यमान हैं। मी थोड ही वर्ष हुए कि कलकत्ते में एक ज्योतिषी ने एक रोगी का विचार प्रशद्वारा जन्मकराडली बना कर बताया। सारे कटस्य का हाल कहके क्षेत्र कृष्णा १० को उस बंगाली बाबू की मृत्यु क्ता दी घो। ठीक उभी समय ३६ वर्षको अवस्था में बाबू की मृत्यु हुई। कलकत्ते के विख्यात वेद्य बाब गंगा प्रसादसेन जी ने इस का इलाज किया था। यह कोई जोशी जी के वन्देदोन अथवा रामानन्द जी को जैमी झठी क्षघा नहीं है। कलकत्ते के अनेक प्रसिद्ध लोग तथा हिन्दी के प्रसिद्ध लेखक पं० दुर्गाप्रसाद मिश्र जी तथा भारतमित्र पत्र के वर्तमान सम्पादक बाब वालमुन्द महोदय प्रादि इस घटना का हाल भलीभांति जानते हैं। भित्र जी ने भारतधर्म पुस्तक में विस्तार पूर्वक इस का हान लिया है।
ज्यो. च० १० १५२ तथा १५३ एक मनुष्य को तित्राती घर भाता था मैंने कहा मन्त्र जानता हूं । एक लम्बा जना ले और पावार के दिन तड़के एक घंट पानी पिला दिया और कहा कि तेगा उबर गया । उसे विश्वास हो गया जबर कट गया ।
ममीक्षा-फाहिये भला न गप्प का क्या ठिकाना, तन्त्र मन्त्र टोने मोने भाव मात कर दिये, जी सत्रों मदी के एक ग्रंजएट ने अच्छी तन्त्र विद्या फैलाई । जोशी जी ! माप विश्वास दिला कर प्लेग वालों को क्यों अच्छा नहीं करते ।
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