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२४ ज्योतिषचमत्कार समीक्षायाः ॥ बिध नहीं मिलती। तबतो उनकी आंखें खुली कि मुझे ल. ड़की के व्याह का अधिकार नहीं। किसी बुद्धिहीन गधे से भी बिधि मि न जाय तो बही करना पड़े । इत्यादि यह कथा नहीं मच्ची बात है कहो तो इस भले मानम का नाम बनाएं।
(समीक्षा ) इन वे सिर पैर की कथा से श्राप ज्योतिष का खण्ठन नहीं कर सकते हैं कथा भी प्रापने खन बनाई लड़की को अंगरेजी पड़े बंट पहिनाये बिना यहांभी काम न चला “मच है" मुंह से निकलेगी,वही वात जी आदत होगी क्या अच्छीरे शमी साड़ी व अच्छे प्राभषणा लड़कियों के लिये नहीं रहगये थे यदि सच्ची कथा हैतो नाम उप भन्ने मानम का लिख देते ॥ पाठक ? आज तक कोई केवल विधि न मिलने से कुमारी रह गयी.यह बात आपने कभी नहीं सुनी विद्वान् के लिये पढ़ी हुई लड़की, किसान के लिये मजदूरिन, होटल में खाने वाले बाब साहब के लिये बूट पहिरने बानी लड़की, यथा योग्य अवश्य मिल जाया करती है। जहां इस से विपरीत हो जाय तो अन्य का दोष ममझो या भाग्य का, सो विधि न मिलाने वाले अन्य लोगों में भी हो जाया करता है ज्या वि. लायत में किसी निर्बद्धि से अच्छी रूपवली लड़कियां नहीं व्याही जाती ? वहांविधि मिन्नाने को कौन जाता है। ___ मैंने एक साहब को देखा है जो कि माधार या पढ़े लिखे हैं और रूपवान भी विशेष नहीं मिजाज वड़ा तेज है हाल में अपना विवाह एक अच्छा मेम से कर लाये हैं। मेम साहित रूप में भी साहब से कई दर्जे उत्तम है विद्या में भी अधिक है। इस पर भी साहब बहादुर रात दिन डंडे और हन्टर से पीटते हैं मेम साहवा रोती हैं। ज्यो० च० पृ १४ पं० २०) बहुतेरे हीन वर्ण के ब्राह्मण बन गये जो कोई बढ़ गया भला मानस कहलाने लगा उसे ज्योतिष मानना पड़ा, जो घटगया नीच जाति में जामिला उसके बाप दादों ने ज्योतिष मान रक्सा था, इस लिये ज्योतिष का प्रभाव अवलों लोगों में कुछ २ कुछ चला पाता है।
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