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श्री देवेन्द्रप्रसादजी जैन के पत्र
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लिये, लेख के लिये हमने सैकड़ो पत्र लिखे दिगम्बरी लोगो की संकीर्णता श्वेताम्बरो से क्या कुछ कम है-कदापि नही-केवल लड़ना जानते हैं । मैं पूना आता पर इस वर्ष मेरी स्वयं शादी भी थी तथा दो भतीजो का विवाह था। प० जुगल किशोर जी आरा शीघ्र पधारेंगे।
पत्रोत्तर आरा से दूगा । एक अंग्रेजी लेख Logic पर चम्पतराय जी का शीघ्र भिजवाऊंगा।
सेवक देवेन्द्र
पत्रांक ८
आरा १०-१२-२० श्री परम पूज्य महाराज जी
वन्दनामी __ यह लेख द्रव्य सग्रह की भूमिका का अनुवाद है। इसमे चामुण्ड राय श्री नेमी चन्द्र जी सिद्धान्त चक्रवर्ती आदि का पूरा-पूरा वर्णन है । आपको यह अनुवाद अवश्य पसन्द आ जाएगा ऐसी आशा है। बडे परिश्रम से तैयार कराया है। आपके पत्र के लिये ही इसका अनुवाद करके भेजता हूँ । तीन अंक मे प्रकाशित करदें। योग्य सेवा लिखिए।
सेवक
देवेन्द्र
पत्रांक :
सन् १९२१ के प्रारम्भ मे पूना से एक जैन गृहस्थ ने समेद शिखरजी की यात्रा के लिये एक स्पेशल ट्रेन द्वारा सघ निकाला था, उस भाई के आग्रह से मैं उस संघ का मुखिया बना था जव संघ कलकत्ते