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मेरे दिवंगत मित्रों के कुछ पत्र
(२६)
Patna
22-3-35
श्रद्धय मुनि जी,
मैं खारवेल के लिये तैयार हूँ । बरूआ ब्राह्मी अक्षरों का मामला नहीं समझते और उनके विचार बहुत कर बुद्धि के बाहर होते हैं ।
मैं २३ अप्रैल को जहाज से बम्बई से इग्लैण्ड जा रहा हूँ । २० ताः को इन्दौर में होऊँगा । क्या आपके दर्शन वहाँ हो सकेंगे ? हिन्दी साहित्य सम्मेलन में ।
मैंने इधर सिक्के हल किये । विशेष मिलने पर ।
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आपका
काशीप्रशाद जायसवाल
एक लड़का अम्बालालजी साराभाई के यहाँ मिल का काम
सीखने गया है ।