Book Title: Mere Divangat Mitro ke Kuch Patra
Author(s): Jinvijay
Publisher: Sarvoday Sadhnashram Chittorgadh

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Page 189
________________ स्व. पं. श्री महावीर प्रसादजी के कुछ पत्र (७) (5) १६१ श्री मन्महोदय, कृपा कार्ड मिला । पुस्तक भी मिली । कृतज्ञ हुआ । अनेक धन्यवाद । ऐसी ही कृपा बनी रहे । जुही, कानपुर ताः २-१०-१६ श्री मन्तावर, आपका २० जून का पत्र साहित्य संशोधक" का प्रथम अ सूचनार्थं निवेदन है । विनीत महावीर प्रसाद द्विवेदी दौलतपुर, राय बरेली ताः ६-२-१७ श्रीमन्, ३१ जनवरी का कार्ड मिला । "कृपा रस कोश" की कापी भी मिली । इस कृपा के लिए अनेक धन्यवाद । समालोचना करूँगा । निवेदक महावीर प्रसाद द्विवेदी (ह) डाकखाना - दौलतपुर, राय बरेली ताः ६-७-२० आये कई दिन हुए, पर "जैन अब तक नही मिला । I विनीत महावीर प्रसाद द्विवेदी

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