Book Title: Mere Divangat Mitro ke Kuch Patra
Author(s): Jinvijay
Publisher: Sarvoday Sadhnashram Chittorgadh

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Page 203
________________ महापण्डित, स्व. राहुल सांकृत्यायन के कुछ पत्र । १७५ प्रवन्ध हो जाएगा ? कितना व्यय होगा ? कापी से संक्षेप करके मेरा विचार है और उपलब्ध प्रतियों से पाठ भेद लेना । स्वयभू का पूरा प्रचार होना चाहिए। आपका राहुल सांस्कृत्यायन Muni jinvijayaji Kalyan Society Ellise Bridge Ahmedabad. (४) Hearne Clift. Happy Valley Mussoorie. 20.7.50 श्रद्धेय मुनिजी, मैं इस मकान को खरीदकर यहाँ बारहो महिनों के लिये आगया हूँ। मधुमेहके नियंत्रण तथा लिखने पढ़ने की सुविधा के कारण ही यहाँ स्थायी निवास बनाना पडा। मैंने पुस्तकों का सग्रह कुछ किया है । क्या भारतीय विद्याभवन के प्रकाशनो की एक एक प्रति (भारती के लिये भी) प्रदान करने की कृपा करेंगे न ? मैं उनपर कुछ लिखने का भी विचार रखता हूँ, जिसमें लोगो को उनके महत्व का परिचय हो। रेलवे पार्सल E.I.R., Out Agency Mussroorie पर भेजना चाहिये । समय पर सूचना न मिलने से मैं बम्बई नही आसका । आशा है, आप स्वस्थ एवं प्रसन्न होगे। श्रीमुनि जिन विजयजी राहुल सास्कृत्यायन Clo Rajasthan Puratatva mạndir Sankrit College Bhawan Jaipur. आपका

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