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स्व. पं. महावीर प्रसादजी के कुछ पत्र
१५९
(३)
जुही, कानपुर
ताः १३-११-१५ श्री मतांवर,
कृपा पत्र मिला। जैकोबी साहब अच्छी संस्कृत लिखते ।। हैं । मै उनके दोनों पत्र सरस्वती में छापूगा । एक पत्र के कुछ अंश का फोटो भी दूंगा। काम होने पर पत्र लौटा दूगा। आशा है, इसमें आपको कोई ऐतराज न होगा। पत्र साहित्य विषयक है और साहव की योग्यता बताने के लिये छापे जायेगे। प्रतिकूल टीका के लिए नहीं।
भवदीय
महावीर प्रसाद द्विवेदी
(४)
दौलतपुर, रायबरेली
ताः १०-१.१६
श्रीमन्,
६ तारीख का पोस्टकार्ड मिला । संशोधन में आपने जो कष्ट उठाया तदर्थ मैं आपका बहुत कृतज्ञ हूं।
पुस्तकें आप यही भेज दीजिये । पर ऐसी हो जो मेरी समझ में आवे।
जैन धर्म की गहन पुस्तको में मेरी बुद्धि का प्रवेश संभव नही।
विनीत महावीर प्रसाद द्विवेदी