Book Title: Mere Divangat Mitro ke Kuch Patra
Author(s): Jinvijay
Publisher: Sarvoday Sadhnashram Chittorgadh

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Page 188
________________ १६० मेरे दिवंगत मित्रों के कुछ पत्र (५) दौलतपुर-रायबरेली ताः २०-१-१६ महोदय, १६ जनवरी का पोस्टकार्ड कल मिला । अाज ही सुबह इण्डियन प्रेस को लिख दिया कि काम हो गया हो तो जैकोबी साहब के दोनों पत्र तुरन्त सापको रजिस्ट्री करके भेज दिये जाय । पाटन चिट्ठी पहुँचने में चार पाँच दिन लगते हैं। २५ ताः को श्राप जाने वाले हैं। सूचना आपने देर से दी। यदि पत्र समय पर न पहुंचे तो क्षमा कीजियेगा। विनीत महावीर प्रसाद द्विवेदी दौलतपुर, राय बरेली ता: २०-२-१६ महोदयवर, १५ फरवरी का पोस्ट कार्ड मिला । निःसन्देह यह गलती है। बड़ी कृपा की जो मुझे सूचना दे दी। मैने "भ्रम संगोधन" छपने भेज दिया। सम्भव हुना तो फरवरी को संख्या में छप जायगा, नहीं तो मार्च की संख्या में। श्राप एक और लेख भेजने की कृपा कीजिए। भवदीय महावीर प्रसाद

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