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मेरे दिवंगत मित्रो के कुछ पत्र
पाता । और यही कारण है कि निश्चित रूप से आपको सहायता नही पहुंचा रहा हूँ। चित्तौड़गढ़ का चित्र एक कागज पर छपाने से किफायत रहा । आजकल कागज का दाम और छपाई दोनों बढ़ गये हैं। कृपा कर फोटो का आलबम सब भिजवादें । मुझको शीघ्र एक मित्र द्वारा उन्हे विलायत भेजना है। __ भगवान दीन जी छूट गये है । अभी देहली में मिले थे अच्छे है। अमेरिका जाने का इरादा है । ठीक है पत्र को अभी ग्रन्थ के रूप मे ही प्रकट करें। बिना पत्र देखे लोग ग्राहक नही बनते । मैं सदा प्रयत्न करता रहता हूँ। पत्र अंग्रेजी कौनसी तारीख को प्रकट होगा सो लिखें।
सेवक
देवेन्द्र पत्र के कवर के लिये यह डिजाइन बनवा रहा हूँ बीच मे श्री समेद शिखरजी का पार्श्वनाथ का टोक होगा।
कृपाकर इस डिजाइन को देखकर अपनी राय लिखें और शीघ्र लौटा दें-देरी न करें।
पत्रांक ७
ता : ११-६-२० श्री परम पूज्य महाराज जी,
वन्दनामि-मैं इस समय प्रयाग मे हूँ। Dr. Satish Chandra का ब्लॉक मैं घर पहुंचते ही सेवा मे भेज दूगा, पूना मे किफायत से छप जायगा-मै श्री तत्वार्थसूत्र आदि ग्रन्थो के तैयार कराने मे व्यग्र हो रहा हूँ।
आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मेरा सारा समय श्री महावीर प्रभु के शामन सेवा मे ही लग रहा है । जैनियो की अवस्था धीरे धीरे ठीक हो जाने पर ही प्रत्येक कामो मे सफलता होगी-ग्राहक बनने के