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श्री केशरी चन्द भंडारी के पश
परन्तु मेरी तरफ से कुछ भी नही मिल सकेगा ऐसा समझ कर ही आप मेरी मुकररी करना चाहते हो तो ही करें।
मुझे नियत करने के पहले कृपा करके संस्था की योजना व नियमावली भेज देवें सो मुझे क्या क्या कार्य करना पड़ेगा इसका मुझे भान हो जावेगा । मेरे पीछे कुछ और भी संस्था के काम हैं। इसलिये मुझे फुरसत मिल सकेगी या नही यह नियमावली आदि देखने से मालूम हो जायगा । इस वास्ते नियमावली की आपको तकलीफ देता हूँ। ___ इस काम में मेरी सहायता की बहुत जरूरत है ऐसा आप फर्माते हैं सो मैं तो आपकी सेवा मे सदा ही हाजिर हूँ व आपके दर्शन की अभिलाषा भी बहुत रोज से लग रही है। परन्तु कुछ न कुछ ऐसी घटना हो जाती है कि आपके दर्शन में विघ्न उत्पन्न हो जाता है। दो-महिने बाद मेरे यहाँ मेरी भतीजी का लग्न है । वह होने के पश्चात् आपकी सेवा मे अवश्य हाजिर होऊंगा। __मेरी तरफ से हर प्रकार की सहायता देने को मै तैयार हूँ और मेरे जैसे तुच्छ बुद्धि वालो की अभिलाषा व उत्साह से प्रेरित होकर आपने यह काम उठाया है सो यह काम बहुत ही उपकारक है। व आप इसको पार पाडने में समर्थ है। आपके प्रयत्न से बहुत कुछ हो सकेगा। इसमे मुझे सन्देह नही है । मैं आपकी सेवा मे तत्पर हूँ। तकलीफ को माफ फर्मावें । उत्तर की कृपा करें । आपका कुशल लिखें।
आपका नम्र केशरी चन्द भंडारी
ता० क० मि० जायसवालजी का "हाथी गुफा" का अन्तिम लेख आपने अब तक भेजा नही । मैंने ओरिसा लिखा था, परन्तु उनके पास अव मिलता नही है इस वास्ते आपको तकलीफ दी है। उनके पहले के