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मति-चीन-पर्याप्ति सद्रिय पानि
मस्तिष्क के विभिन्न भाग घामाच्या पयानि नार वाम ननी और
फ्रासातक भाषा पर्यापि
अग्र मम्निष्क ने बर या,
ज्योनि-नन्द मन पनि
मस्तिष्य-दर्शन-रेन्द्र का भाग । गति योन जीवन के प्रारम्भ में पूर्ण ही निप्पन्न हो जाते हैं, और जीया भर मप्रिय रहते है।
आzrr पर्याप्ति एक समय में पूर्ण हो जाती है। तपा पाच पणियों की निप्पनि म EUR अतमरत समय लगता है, लेकिन सब में मिलि-पाय या प्रारम्भ एक गाय होना है।
गर गमाग प्राणियों में पर्याप्तिया राय गमान नहीं होती, उनमे -TT साररता है। पाच स्थापर हायिक जीवो-प्रची, जल, पा, मग बोर पापति म पार पर्याप्तिया होती है, उनर भाषा और 77 महीमा
ना विपरितोष्टिा, नीन्द्रिय और पर्गिय तपा अगशीपिदिय जीवो में पाप्निया पाच होती है। उनके मा नही होना। देयो र पाप पाणिया माती, उ मा तपा भाषा पर्याप्नि या पेन्द्र एक होगा।
अग मलय में प्रपम तीन पर्याप्नि पूर्ण होती है। और दामा पाग quffer a ग गी है। गनिए निदान की भाषा में १३ मादा जी7 पर्याप्तिका माग गती । म बात पर घिउनरा
R- 17 जना दुबंन होगरे विमो प्रयास पी निश पी. frाम सोशियार नहीं होगी।
, निसप और गाय में पानिया र होती । मिदो में मानी । पत्रिका से प्राप्त
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