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जैन मुनि की आचार-सहिता
१३७ युगीन समस्याओ के सदर्भ मे जैन मुनि के आचार की एक-एक धारा का विश्लेषण करें तो हम पाएगे कि उनके प्रत्येक विधि-निषेध के पीछे गूढ़ वैज्ञानिक दृष्टिकोण रहा है। इसीलिए वर्तमान के परिप्रेक्ष्य मे उसका व्यापक महत्त्व है । इसके आचरण और अनुशीलन मे समूची मानवजाति का हित निहित है।