Book Title: Jain Dharm Jivan aur Jagat
Author(s): Kanakshreeji
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 149
________________ .. पदा 4 - - - - - - के अन हुग का हथियार है जिसके निर्माता भी प्रगति सशी कार्यों पर लाभप्रद FESEEEEEEEEEEEEEEEEET ५. मा . रसत जा NE-over- नी से "जाति नाशक" विधि क्रम सामान्य व्यवहार का रूप लेते त्र के शिकार हो सकते है। फल- जा रहे है। सामूहिक रूप से पर्व- लेकिन पहले हा, जातिविनाशक। यह एक प्रद उ . पश्चिम व्यापार को, इसी प्रकार, दस्तावेज का ए ढग का हथियार है जिसके लेकिन पहारक और अधिक प्रोत्साहन मिला है। मे लिया जाना रे में अध्ययन-अनुसन्धान चल अस्त्र के रूप म मा-कया जा सूचना के और अधिक अच्छे ढग श्यक बनाते है है। आपके प्रिय व्यजन मे सकता है। से विनिमय के लिए हेलसिकी मे कभी नही भर __ मसाले. पडते है, उन्ही की निकोलाई ओबोतोव तय किये गये कदमो के कार्यान्वयन गण को अभी द से जातिसहारक अस्त्र आनुवंशिक अस्त्र में भी प्रगति हुई है। स्थायी शा, नापका पता कर लेगा और आपका मे लाखो अदश्य कारतसो की पश्चिमी समाचारपत्रो की. सोवियत संघ सशी के साथ उन मानव मनि २फाया कर देगा। यहा हमारा तरह विधती जाती है और या तो सवरो से पता चलता है कि । विश्वास-निर्माण सम्बन्धी कार्यो पर कोपर पक्ष में रही। अभिप्राय विविध जातीय समूहो लोग मर जाते है या कम से तथाकथित आनवशिकास्त्रो के अमल कर रहा है जिनकी अन्तिम लाभप्रद . १ के लोगो का पता करने और विकास के लिए भी अनुसधान कम उनका वध्यकरण अवश्य हो दस्तावेज में व्यवस्था है। शान्ति तथा सनिक तनाव-शथिल्य का मार्ग सदृढीकरण और उनका सफाया करने के लिए जाता है, लेकिन इमारत, पुल, कार्य चल रहा है। इसके प्रयोग प्रशस्त करने के बारे मे सोवियत के अनौपचारिक विशेष रासायनिक, जीविक या सडके आदि ज्यो की त्यो सावत से पतकता की यत्रावधि छिन्नन्य द्रव्यो के इस्तमाल में है। सघ का रुख मध्य यूरोप मे सशस्त्र क्षेप के . . बनी रहती है। यदध सामग्रियो भिन्न हो जायगी। मनुष्य क विशेषज्ञो की राय है कि के पश्चिमी निर्माता न्यटन बम पित्र्यसूत्रो या जीन को प्रभावित सनाओ तथा शस्त्रास्त्रो मे कटाती शब्दो मे, ऐसे 'जातिसहारक" अस्त्र लोगो के की "श्रेष्ठता" और "सम्भाव- करके, जो पैतृकता या आनवशि के बारे में ठोस समझौता करने की हेलसिकी समम खानपान और पहनावे' या दोनो नामओ" पर लट्टू हो रहे है और कता के वाहक और मानव जीवी की उसकी तत्परता से उत्पन्न होता है। पूरी तरह के बीच के अन्तर का आसानी से यह मानते है कि ध्वसकारी अस्त्रो प्रक्रियाओ के मुख्य नियामक है, नकारात्मक प्रभाव सघ अन्तिम "विवेक" कर सकता है और के भण्डार मे यह एक नया योग के भण्डार में यह एक नया योग- शरीर को देखने, सनन, चलने- - दूसरी तरफ यह स्वीकार किया को कार्यान्वित चनिन्दा लोगो का सफाया कर दान है। फिरने और हिलने-डुलने, सास सक्ता है। यह चयन शक्ति रक्त लेकिन ससार के अनेक देश लेने, सोचने-विचारने आदि की समूहो, त्वचा के रगद्रव्य आदि दूसरी ही तरह सोचते है। उनका किसी भी जीवन्त क्रिया को अस्त हमारा आगामी अ विशिष्टतामो पर आधारित है। विश्वास है कि न्यूटन बम के व्यस्त किया जा सकता है। दूसरे C * भारतीय स्वतनता को ३०वी-जयन्ती।। निर्माण से नाभिकीय युद्ध का शब्दो मे, मनुष्य को यत्रमानव ज्यूटन बम खतरा बढ़ जायेगा। मसलन, मे बदला जा सकता है। * शान्ति, मंत्री और सहयोग को सन्धि की ६ अभी नद वषों पहले तक . भारत के विदेश मत्री अटल विज्ञान और प्रविधि के उन बिहारी वाजपेयी ने हाल मे ससद क्षेत्रो की यह एक अधूरी सूची है मनाने के लिए युवक दर्पण, अक ३२ दम का विकास कर सकना त्ति को क्षति पहुचाये म __ मे कहा कि भारत सरकार न्यूट्रन जिनके विकास से निकट भविष्य मक के रूप में प्रकाशित करेगा। इस सयुक्त नर महार कर सकता हो. बम के निर्माण की जोरदार भर्त्सना में ही सामूहिक विनाश के सर्वथा , - दुनिया की, करती है। नये प्रकार के अस्त्र और उनकी * भारत-सोवियत सहयोग के विभिन्न गोत्र. प्रणालिया तैयार की जा सकती .......ी बात थी। संहारकाध्वनि, प्रकाश सारसी _जनक दिलचस्प लवा... .........

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