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व्यापार।
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हरणार्थ कम्पनीके डायरेक्टर-संवने जान-बूझ कर भारतवर्ष के जहाजी कामको नष्ट कर दिया। दूसरे लार्ड डलहौसीके रेल-निर्माणका मुख्य अभिप्राय अँगरेजोंके व्यापार-व्यवसायकी उन्नति करना था। भारतवर्षके औद्योगिक अधःपतनके यह भी कारण हैं।
खनिज और उद्भिज कच्चे पदार्थोंसे किन किन वस्तुओंके प्रस्तुत करनेकी महान् आवश्यकता है और किन रासायनिक चीजोंके बनाये बिना औद्योगिक उन्नति असम्भव है यह बतला कर कमीशनने लिखा है कि शांति और युद्ध दोनोंके लिये आवश्यक उद्योगोंका अभाव भयानक है । जब तक उनकी सृष्टि न होगी भारतवर्ष शांतिके समय मुनाफेसे वंचित रहेगा । युद्ध के समय वर्तमान धन्धोंके बन्द हो जानेका डर रहेगा और देशकी रक्षा बड़े खतरेमें पड़ जायगी। ___ अत एव कमीशनने दो बड़े बड़े सिद्धान्त मान कर उनके अनुसार अपने भिन्न भिन्न प्रस्ताव किये हैं:-(१) भविष्यमें सरकारको भारतके औद्योगिक उत्थानके लिये स्वयं चेष्टा करनी चाहिए। और वह भी इस उद्देश्यको सम्मुख रख कर कि देश मनुष्य और सामग्रीके विषयमें स्वावलम्बी हो जाय ।
(२) यह बात तब तक असम्भव है जब तक इसके लिये प्रर्याप्त राज्य व्यवस्थाका प्रबन्ध न हो, और जब तक विश्वसनीय वैज्ञानिक सम्मतिदाताओंका पूर्ण प्रबन्ध न हो।
इन्हीं सिद्धान्तोंकी शाखा-प्रशाखा-रूप कमीशनने निम्न लिखित विषयों पर विचार करके अपनी सम्मति प्रगट की है:
(१) भारतवर्षकी वर्तमान औद्योगिक स्थिति क्या है और सम्भावनायें क्या हैं । भारतवर्ष वर्तमान कालकी उद्योग-गतिके साथ साथ नहीं चल रहा है। यहाँकी अधिकांश जन-संख्या पुराने
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