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मोरीशस टापू।
मोरीशस टापू।
तक्षिण अफ्रिकाको छोड़ कर बाकी जिन देशों या द्वीपोंमें भारत
प्रवासी बसे हुए हैं उनमें मोरीशसका नाम सबसे पहले उल्लेख योग्य है । हमारे देशमें मोरीशस टापू दो नामोंसे प्रसिद्ध है; एक 'मोरिस ' और दूसरा 'मिर्चका देश । डच लोगोंने अपने राजकुमार मोरिसके नाम पर इस द्वीपका नाम मोरीशस रखा था, लेकिन हमारे यहाँ मोरिस नामकी प्रसिद्धि उस देशसे आनेवाली शक्करके कारण हुई। मिर्चका मुल्क इस देशका नाम क्यों पड़ा इस विषयमें एक बार भारतमित्रने लिखा था कि “ दो चार मिचें खानेसे तो मुंह ही कड़वा और चरपरा हो जाता है, परन्तु अधिक मिरच खानेसे खानेवालेको बड़ा कष्ट होता है और असह्य वेदनासे वह छट-पटाने लगता है । मोरीशसमें हिन्दुस्तानी कुलियोंके साथ जो कुव्यवहार किया जाता है, वह ऐसा है कि मानों उसके चारों तरफ मिर्च ही मिर्च लगा दी गई है । इस लिये इस दारुण दुःखसे दुखी होकर ही वहाँ जानेवाले हिन्दुस्तानी कुलियोंने इस टापूका नाम 'मिर्चका. मुल्क ' रख दिया।" ___ संभवतः 'मिर्चका मुल्क ' पुकारे जानेका यही कारण हो, लेकिन हमारी समझमें यह मोरीशसका अपभ्रंश है। जो हो हमें क्या प्रयोजन । मोरीशस उपनिवेश है । इसके दो कारण हैं, एक तो यह कि वहाँके ३६८७९१ मनुष्योंमें २५७७०० भारतीय हैं । दूसरे यह कि दासत्व प्रथाके उठ जाने पर सबसे पहले भारतवासी इसी द्वीपको कुली बना कर भेजे गये थे।
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