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मोरीशस टापू।
नहीं होती । हिन्दुस्तानकी जो तीन भाषाएँ मोरीशसमें प्रचलित हैं उनमें हिन्दी प्रधान है। तेमिल और तैलगू बोलनेवाले भी हिन्दी समझ सकते हैं । अत एव मोरीशस-सरकारका कर्तव्य है कि वह हिन्दुस्तानी लड़कोंको हिन्दीमें शिक्षा दिलवानेका प्रयत्न करे। ___ मोरीशसमें रहनेवाले हिन्दुओंको एक भारी दुःख यह है कि वे शास्त्रानुकूल अपने यहैं। अन्त्येष्टि संस्कार नहीं कर सकते अर्थात् मुर्दे नहीं जलाने पाते । सुना है कि इन मुद्दों द्वारा भी वहाँवाले शक्कर बनाने योग्य मसाला प्राप्त करते हैं । वे मुर्देको किसी यंत्रमें डाल कर उसका सत्व निकाल लेते हैं जो शक्कर बनाने के काममें आता ह । हम नहीं कह सकते कि यह बात जनताको घृणा उत्पन करनेके लिये गढ़ी गई है या कि सत्य है, ईश्वर ही जाने ! एक बार एक धनी हिन्दूने वहा बहुतसा रुपया व्यय करके एक मुर्दा जलाया था, परन्तु अन्य हिन्दुओंको ऐसा करनेका अधिकार नहीं । जो मुर्दा जलाता है उसे कठिन दंड दिया जाता है। ___ सबसे बड़ा कष्ट भारतीयोंको यह है कि उनकी आर्थिक उन्नतिमें अनेक बाधाएँ डाली जाती हैं । मोरीशसमें कारखानोंके मालिकोंका एक विशेष दल है । इन्हीं लोगोंका मोरीशसमें प्रभुत्व है । ये लोग भारतवासियोंकी बढ़ती देख कर जलते हैं और उनकी दशा सुधारनेके लिये जो यत्न किये जाते हैं, उन्हें निष्फल करनेकी चेष्टामें रातदिन लगे रहते हैं । मोरोशसमें भारतीयोंके साथ न्याय-युक्त व्यवहार होनेका प्रश्न बहुत दिनोंसे चल रहा है । सन् १८७२ ई. से जब कि वहाँके प्रवासी भारतीयोंकी दशाकी जाँच करने के लिये पहला कमीशन बैठा था, तभीसे यह प्रश्न चल रहा है, किंतु अभी
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