________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
भारतमें दुर्भिक्ष । उनको कोई अधिकार नहीं है । हमें अपनी जाँचसे जो कुछ बातें ज्ञात हुई उनसे हम कह सकते हैं कि भविष्यमें मोरीशस-सरकार इस नीतिका अनुसरण कर सकेगो, इस बातमें हमें बहुत ज्यादह सन्देह है । मोरीशसके भारतवासियोंके हृदयमें वहाँके राजनैतिक मामलोंमें दखल देनेकी कोई स्वाभाविक इच्छा तब तक नहीं होगी जब तक कि कुछ प्रश्नोंके विषयमें उनकी जो इच्छाएँ हैं, उन पर उचित ध्यान न दिया जाय । क्योंकि इन प्रश्नोंको वे बहुत उपयोगी समझते हैं । और उनका ऐसा समझना अनुचित भी नहीं है।
वास्तवमें मोरीशस सरकारकी धींगाधींगी अब तक चल रही है, और उसने मोरीशस प्रवासी भारतीयोंको कोई राजनैतिक अधिकार नहीं दिया। लेकिन अब आगे यह अन्याय-पूर्ण नीति कायम नहीं रह सकती। जबसे दक्षिण अफ्रिकाके प्रवासी भाइयोंने 'सत्याग्रह' के संग्राममें विजय प्राप्त करके संसारको यह दिखला दिया है कि दुनियामें भारतवर्ष भी एक देश है और वहाँके निवासी आत्मिक बल द्वारा बड़े बड़े अत्याचारोंको दूर करा सकते हैं, तभीसे मोरीशसवालोंके हृदयमें भी कुछ जागृति उत्पन्न हो गई है। यह जागृति ही हमें इस बातका विश्वास दिलाती है कि मोरीशस-सरकारकी यह लबड़धोंधो शीघ्र ही नष्ट होगी।
मोरीशसमें जो हिन्दू या मुसलमान अपने धर्मके अनुसार विवाह करते हैं और उनकी सरकारसे रजिस्ट्री नहीं कराते वे कानूनकी दृष्टिसे unmarried का अविवाहित समझे जाते हैं और उनकी स्त्रियाँ धरेलू या रखनी समझी जाती है ! इस द्वीपकी पिछली मर्दुमशुमारीकी रिपोर्ट में लिखा हुआ है किः--
For Private And Personal Use Only