Book Title: Bharat me Durbhiksha
Author(s): Ganeshdatta Sharma
Publisher: Gandhi Hindi Pustak Bhandar

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Page 259
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भारतमें दुर्भिक्ष । अनाज देशमें है वह यदि सबको बराबर बाट दिया जाय, तब भी कई महीने लोगोंको निराहार रहना होगा । यानी अनाज कम और खानेवाले जियादा हैं। अकालका मुख्य कारण रेलोंका किराया बढ़ाना है। रेलोंकी आमद पिछले बरसोंसे अब दुगनी और तिगुनी है। जरूरी माल अधिक किराया देकर भी एक जगहसे दूसरी जगह भेजना ही पड़ता है । इस लिये रेलवेकी आमद तो बढ़ गई, पर किराया अधिक पड़ जानेके कारण चीजें महंगी हो गई। इस समय देशकी तमाम रेलवे लड़ाई के सबबसे सरकारके हाथमें है और सरकारके हाथमें होते हुए किराया बढ़ा इस लिये सरकार ही इसकी भी जिम्मेदार है । बिना सरकारकी आज्ञाके रेलवे बड़ी तादादमें माल नहीं लेती और अनाज तो एक जगहसे दूसरी जगह लादती ही नहीं। जो लादती है उस पर इतना जियादा किराया लगाया जाता है कि अनाजकी आधी कीमत किरायेके सबबसे ही बढ, जाती है। यानी एक तो पिछले तीन साल की सरकारी खरीदके कारण देशमें अनाज ही कम है, दूसरे जो कुछ है उसे रेलवे महँगा कर रही है। इस समय आवश्यकता है कि सरकार रेलवे पर अपने कब्जेका फायदा न उठा कर एक या डेढ आने मन किराये पर रेलवे द्वारा अनाज भेजना शुरू करे। अभी बम्बई और पूनेकी म्युनिसिपैलिटियोंने सस्ती दर पर अनाज बेचनेका इन्तजाम किया था, पर जहाँसे उन्होंने अनाज खरीदा वहाँसे रेलवे लाद कर लाई ही नहीं। अन्तमें मजबूर होकर उन्हें अपनी दुकानें उठा देनी पड़ी। पर इस तरफसे आँख मींचनेसे सरकार और देश दोनोंहीका कल्याण नहीं है । अकालका तीसरा कारण पानीका कम बरसना है। इस For Private And Personal Use Only

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