Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Part 03 Sthanakvasi
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Jain Shastroddhar Samiti Ahmedabad
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मासिका टीका-सप्तमवक्षस्कारः रु. २ सूर्यमण्डलनिरूपणम् जोयणाई-अबाहार अंतरे पमत्ते' द्वे योजने योजनद्वयमित्यर्थः अबाधया अन्तरं प्रज्ञप्तं कथितम् भवति च विशेषार्थेप्यन्तरशब्दः यथा अनयोर्महदन्तरम् ततश्चात्रापि तथा कस्या चिद शंका मा भवतु तदर्थमबाधयेतिविशेषणम् तथा च पूर्वस्मात् सूर्यमण्डलात् अपरं सूर्यमंडलं कियदरे वर्तने इति प्रश्नाशयः योजनद्वयं दूरे इति उत्तरमिति तृतीयं मण्डलान्तरद्वारमिति ।
अथ चतुर्थं बिंबायामविष्कंभादि द्वारमाह-'सूरमंडलेण' मित्यादि 'सूरमंडले णं भंते। सूर्यमंडलं खल भदन्त 'केवइयं आयामविक्खंभेणे' कियत् कियत्प्रमाणकायामविष्माभ्याम् दैर्ध्यविस्ताराभ्यामित्यर्थः, 'केवइयं परिक्खेवेण कियता परिक्षेपेण 'केवश्यं बाहल्लेणं पण्णत्ते कियता बाहल्येनोच्चापेन प्रज्ञप्तं कथित मिति प्रश्नः, भगवानाह-'गोयमे' त्यादि 'गोयमा' अवाहाए अंतरे पनत्ते' हे गौतम ! एक सूर्यमण्डल से दूसरे सूर्यमण्डल का अन्तर अव्यवधान की अपेक्षा से दो योजन का कहा गया है। विशेषार्थ में भी अन्तर शब्द का प्रयोग होता है-जैसे 'उभयोर्महदन्तरम्' इन दोनों में बहुत विशेषता है इस तरह की किसी को यहाँ आशङ्का न हो जाय इसके लिये यहां 'अबाधा' यह पद रखा गया है । अतः इस प्रश्न का आशय यही है कि एक सूर्यमंडल से दूसरा मंडल कितनी दूर पर है ? तो इसका उत्तर यही दिया गया है कि पूर्वमण्डल से अपर सूर्यमण्डल दो योजन दूर है तृतीयमण्डलान्तरबार समाप्त। ___ चतुर्थ बिंबायाम विष्कम्भादि द्वार का कथन-इसमें गौतमस्वामी ने प्रभु से ऐसा प्रश्न किया है-'सूरमंडलेणं भंते ! केवइयं आयामविक्खभेणं' हे भदन्त ! सूर्यमण्डल आयाम विष्कम्भ की अपेक्षा कितना है-अर्थात् सूर्यमण्डल का आयाम और विष्कम्भ कितना है ? और केवइयं परिवखेवेणं' इसका परिक्षेप कितना है ? तथा 'वाहल्लेणं केवइयं पन्नत्ते' इसका बाहल्य ऊंचाइ-इसका कितना है ? इसके पन्नत्ते' ३ गौतम ! ४ सूर्य भथी भी सूर्य भनु तर भन्यवधाननी अपेक्षा બે જન જેટલું કહેવામાં આવેલું છે. વિશેષાર્થમાં પણ અંતર શબ્દનો પ્રયોગ થાય છે.
भ3-'उभयोमहदन्तरम्' ये भन्नेमा ५ ४ विशेषता छे. सतनी साधन माश। थाय नलित माटे माही 'अबाधा' मा ५४ भू४वामां मावेस छ. मेथी मा પ્રશ્નને અર્થ આ છે કે એક સૂર્યમંડળથી બીજુ સૂર્યમંડળ કેટલે દૂર છે? તે આનો જવાબ આ પ્રમાણે આપવામાં આવેલ છે કે પૂર્વ સૂર્યમંડળથી અપર સૂર્યમંડળ બે જન દૂર છે. તૃતીય મંડલાન્તર દ્વાર સમાપ્ત. ચતુર્થ બિંબાયામ વિખંભાદિ દ્વારા કથન.
मामा गौतमस्वाभीमे प्रभुने तन प्रश्न ४२० छ 3-सूरमंडलेणं भंते ! केवइयं आयामविक्खभेणं महन्त ! सूर्य भ31 मायाम मन विभनी अपेक्षा छ ? मेटले ४ सूर्य भगना मायाम मन ७ि४ डेटा छ ? भने 'केव हया परिक्खेवेणं' तेना परि३५ ३ १ तेभर 'बाहल्ले गं केवइयं पन्नत्ते' मान्य-यामा मा टयु छ ? मे।
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