Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 03
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Dadar Aradhana Bhavan Jain Poshadhshala Trust
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शतक ८. - उद्देशक १.
भगवत्सुधर्मस्वामिप्रणीत भगवतीसूत्र.
५६. [२०] जर फासपरिणए किं कणडफासपरिणर, जाव लुक्सफासपरिणय ? [४०] गोषमा! फक्सडफार रिणए, जाव सुक्खफासपरिणए ।
५७. [ प्र० ] जइ संठाणपरिणए- पुच्छा । [ उ०] गोयमा ! परिमंडलसंठाणपरिणए वा, जाव आययसंठाणपरिणय वा ।
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५८. [२०] दो मंदा किं पयोगपरिणया, मीसापरिणया, दीसखापरिणया । [४०] गोवमा ! पजोगपरिणया वा मीसापरिणया था, बीससापरिणया या भइया एगे पभोगपरिणए एगे मीसापरिणए अहवा गे पयोगपरिणय एगे बीससापरिणय; अहवा एगे मीलापरिणए एगे वीससापरिणए एवं ( ६ ) ।
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५९. [प्र०] जह पओगपरिणया किं मणप्पयोगपरिणया, वइप्पयोगपरिणया, कायप्पयोगपरिणया ? [अ०] गोयमा ! मणप्पयोगपरिणया, वइप्पयोगपरिणया, कायप्पओगपरिणया वा; अहवा एगे मणप्पयोगपरिणए एगे वयप्पयोगपरिणए; अहवा यमगण्ययोगपरिणार पगे कायप्पयोगपरिणयः अहवा एगे वयप्ययोगपरिणते एगे कायप्पयोगपरिणते ।
६०. [प्र०] जर मणप्पभोगपरिणया किं सचमणप्ययोगपरिणया, असचामणप्ययोगपरिणया, सथामोसमणप्ययोगपरिणया, असच्चामो समणप्पयोगपरिणया ? [30] गोयमा ! सचमणण्यओगपरिणया या जाब असथा मोसमणप्य ओगपरिणया अहवा एगे सचमणप्पओगपरिणए एगे मोसमणप्पयोगपरिणए, अहवा एगे सञ्चमणप्पओगपरिणए एगे सच्चामोसमणप्पओगपरिणय, अवा एगे सचमणप्ययोगपरिणए एगे असयामोस मणप्पयोगपरिणयः अहवा एंगे मोसमणप्ययोगपरिणए एगे सवा ओसमणप्पयोगपरिणए; अहवा एगे मोसमणप्पयोगपरिणए एगे असच्चामोसमणप्पयोगपरिणए; अहवा एगे सच्चामोसमणप्पयोगपरिणए एगे असश्चामोसमणप्पओगपरिणए ।
६१. [०] अ सचमणप्पयोगपरिणया किं आरंभसामणप्पओगपरिणया, जाव असमारंभसचमणप्ययोगपरिणया ? [30] गोयमा ! आरंभसश्च मणप्पयोगपरिणया वा, जाव असमारंभसचमणप्पओगपरिणया वा; अहवा एगे आरंभसचमणप्पयोग
५६. [प्र० ] हे भगवन् ! जो एक द्रव्य स्पर्शपरिणत होय तो ते शुं कर्कशस्पर्शपरिणत होय के यावत् रूक्षस्पर्शपरिणत होय ! [ उ० ] हे गौतम ! ते कर्कशस्पर्शपणे परिणत होय, यावत् रूक्षस्पर्शपणे पण परिणत होय.
५७. [प्र० ] हे भगवन् ! एक द्रव्य संस्थानपरिणत होय तो शुं ते परिमंडलसंस्थानपणे परिणत होय के यावत् आयतसंस्थानपणे परिणत होय ? [ उ० ] हे गौतम! ते परिमंडलसंस्थानपणे परिणत होय के यावत् आयतसंस्थानपणे पण परिणत होय.
५८. [प्र०] हे भगवन् ! बे द्रव्यो शुं प्रयोगपरिणत होय, मिश्रपरिणत होय के विस्रसापरिणत होय ? [ उ० ] हे गौतम! ते प्रयोगपरिणत होय, मिश्रपरिणत होय के विस्त्रसापरिणत पण होय. १ अथवा एक द्रव्य प्रयोगपरिणत होय अने बीजुं मिश्रपरिणत होय. २ अथवा एक द्रव्य प्रयोगपरिणत होय अने बीजुं विस्रसापरिणत होय. ३ अथवा एक द्रव्य मिश्रपरिणत होय अने बीजुं विस्रसा परिणत होय.
५९. [प्र०] हे भगवन् ! जो ते बे द्रव्यो प्रयोगपरिणत होय तो ते शुं मनः प्रयोगपरिणत होय, वचनप्रयोगपरिणत होय के कायप्रयोगपरिणत होय [३०] हे गौतम से वे द्रथ्यो मनः प्रयोगपरिणत होय, वचनप्रयोगपरिणत होय अने कायप्रयोगपरिणत होप. १ अथवा एक द्रव्य मनः प्रयोगपरिणत होय अने बीजुं वचनप्रयोगपरिणत होय. २ अथवा एक मनःप्रयोगपरिणत होय अने बीजुं कायप्रयोगपरिणत होय. ३ अथवा एक वचनप्रयोगपरिणत होष अने बीतुं कायप्रयोगपरिणत होय.
६०. [प्र०] हे भगवन् ! जो ते बे द्रव्यो मनःप्रयोगपरिणत होय तो शुं सत्यमनः प्रयोगपरिणत होय, असत्यमनः प्रयोगपरिणत होय, सत्यमुपागनः प्रयोगपरिणत होय के असल्यामृषामनः प्रयोगपरिणत होय! [उ० ] हे गौतम! सत्यमनः प्रयोगपरिणत होय के यावत् असल्याषामनः प्रयोगपरिणत होय. १ अथवा एक सत्यमनः प्रयोगपरिणत होय अने बीजं मृषामनः प्रयोगपरिणत होय. २ अथवा एक सत्यमनः प्रयोगपरिणत होय अने भी सवामनः प्रयोगपरिणत होय. ३ अपना एक सयमनः प्रयोगपरिणत होय अने बी असलामृपामनः प्रयोगपरिणत होय. ४ अथवा एक मृषामनः प्रयोग परिणत होय अने बीजुं सत्यमृषामनः प्रयोगपरिणत होय. ५ अथवा एक मृषामनः प्रयोगपरिणत होय अने बी असल्यामुपामनः प्रयोगपरिणत होय. ६ अथवा एक सत्यमुपामनः प्रयोगपरिणत होय अने बी असल्यामुपामनः प्रयोगपरिणत होय.
६१. [प्र० ] हे भगवन्! जो वे द्रव्यो सत्यमनः प्रयोगपरिणत होय तो शुं १ आरंभसत्यमनः प्रयोगपरिणत होय, २ अनारंभ सत्यमनः प्रयोगपरिणत होय, ३ संरंभसत्यमनः प्रयोगपरिणत होय, ४ असंरंभसत्यमनः प्रयोगपरिणत होय, ५ समारंभसत्यमनः प्रयोगपरिणत होय के ६ असमारंभसत्यमनःप्रयोगपरिणत होय ? [ उ० ] हे गौतम! ते बे द्रव्यो आरंभसत्यमनः प्रयोगपरिणत होय, यावत् असमारंभसत्यमनः
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द्रव्योनो प रिणाम.
मनःप्रयोगादि परिणत.
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