Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 03
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Dadar Aradhana Bhavan Jain Poshadhshala Trust
View full book text
________________
शतक १२.-उद्देशक ४.
भगवत्सुधर्मस्वामिप्रणीत भगवतीसूत्र. तिपएसिए खंधे भवद अहवा एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला, एगयओ दो दुपएसिया खंधा भवन्ति, सत्तहा कज्जंमाणे एगयो छ परमाणुपोग्गला, एगयओ दुपएसिए खंधे भषइ अट्टहा कजमाणे अट्ठ परमाणुपोग्गला भवंति।
८.०] नव भंते ! परमाणुपोग्गला-पुच्छा। [उ०] गोयमा! जाप-नवविहा कजंति, दुहा कजमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ अट्ठपएसिए खंधे भवति, एवं एक्केकं संचारतेहिं जाव-अहवा एगयओ चउप्पएसिए खंधे, एगयओ पंचपएसिए खंधे भवति; तिहा कज्जमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयओ सत्तपएसिए खंधे भवइ, अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ छप्पएसिए खंधे भवइ; अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ तिपएसिए खंधे, एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ; अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दो चउप्पएसिया खंधा भवंति; अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ तिपएसिए खंधे, पगयओ चउपएसिए खंधे भवइ; अहवा तिनि तिपएसिया खंधा भवंति, चउहा कज्जमाणे एगयओ तिन्नि परमाणुपोग्गला, एगयओ छप्पएसिए खंधे भवइ; अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ पंचपएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयओ तिपएसिए खंधे, एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दो दुपएसिया खंधा, एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवति; अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति; अहवा एगयओ तिन्नि दुप्पएसिया खंधा, एगयओ तिपएसिए खंधे भवति; पंचहा कन्जमाणे एगयओ चत्तारि परमाणुपोग्गला; एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ; अहवा एगयओ तिन्नि परमाणुपोग्गला, एगयओ दुपएसिए खंधे, एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवइ; अह्वा एगयओ तिन्नि परमाणुपोग्गला, एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति; अहवा एगयओ दो परमाणुपोग्गला, एगयओ दो दुपएसिया खंधा, एगयओ
नत्र परमाणुगो.
छ परमाणुपुद्गलो अने एक तरफ एक द्विप्रदेशिक स्कंध थाय छे.
. जो तेना आठ विभाग थाय तो जुदा जुदा आठ परमाणुपुद्गलो थाय छे..|||||||| |||.
८. [प्र०] हे भगवन् ! नव परमाणुपुद्गलो संबन्धे प्रश्न. [उ०] हे गौतम ! नवप्रदेशनो एक स्कंध थाय छे; अने जो तेना विभाग करवामां आवे तो बे, त्रण, चार, पांच, छ, सात, आठ के यावत् नव विभाग थाय छे. तेना जो बे विभाग थाय तो एक तरफ एक परमाणुपुद्गल अने एक तरफ एक अष्टप्रदेशिक स्कंध थाय छे.
. ए प्रमाणे एक एकनो संचार करवो; यावत्-अथवा एक तरफ एक चार प्रदेशनो स्कंध अने एक तरफ पांच प्रदेशनो स्कंध थाय छे. . जो तेना त्रण भाग करवामां आवे तो एक तरफ के परमाणुपुद्गलो, अने एक तरफ एक सप्तप्रदेशिक स्कंध थाय छे. - :.:. अथवा एक तरफ एक परमाणपटल एक तरफ द्विप्रदेशिक स्कंध, अने एक तरफ छप्रदेशिक स्कंध थाय छे.
. अथवा एक तरफ एक परमाणु, एक तरफ त्रिप्रदेशिक स्कंध, अने एक तरफ पंचप्रदेशिक स्कंध थाय छे.ा . अथवा एक तरफ एक परमाणुपुद्गल अने एक तरफ बे चतुष्प्रदेशिक स्कंधो थाय छे. :::. अथवा एक तरफ एक द्विप्रदेशिक स्कंध, एक तरफ त्रिप्रदेशिक स्कंध अने एक तरफ चतुष्प्रदेशिक स्कंध थाय छे. . . . . •TE. अथवा त्रण त्रिप्रदेशिक स्कंधो थाय छे. ::: तेना चार भाग थाय तो एक तरफ त्रण परमाणुपुद्गलो अने एक तरफ छप्रदेशनो एक स्कंध थाय छे. . . :::. अथवा एक तरफ बे परमाणुपुद्गलो, एक तरफ एक द्विप्रदेशिक अने एक तरफ पंचप्रदेशिक स्कंध थाय छे.. . 1 . अथवा एक तरफ बे परमाणुपुद्गलो, एक तरफ त्रिप्रदेशिक स्कन्ध अने एक तरफ चारप्रदेशिक स्कंध थाय छे. |
म. अथवा एक तरफ एक परमाणु पुद्गल, एक तरफ बे द्विप्रदेशिक स्कंधो, अने एक तरफ चतुष्प्रदेशिक स्कंध थाय छे. | . :. अथवा एक तरफ एक परमाणुपुद्गल, एक तरफ एक द्विप्रदेशिक स्कंध अने एक तरफ बे त्रिप्रदेशिक स्कंधो थाय छे.
.. .... अथवा एक तरफ त्रण द्विप्रदेशिक स्कन्धो अने एक तरफ एक त्रिप्रदेशिक स्कन्ध धाय छे. .
.... पांच भाग थाय तो एक तरफ जुदा चार परमाणुओ अने एक तरफ एक पंचप्रदेशिक स्कंध थाय छे.|
1 . अथवा एक तरफ त्रण परमाणुओ अने एक तरफ द्विप्रदेशिक स्कन्ध अने एक तरफ चतुष्प्रदेशिक स्कंध थाय छे. |
8. अथवा एक तरफ त्रण परमाणुपुद्गलो अने एक तरफ बे त्रिप्रदेशिक स्कन्धो थाय छे.
. अथवा एक तरफ बे परमाणुपुद्गलो, एक तरफ वे द्विप्रदेशिक स्कंधो अने एक त्रिप्रदेशिक स्कंध थाय छे. | I
... अथवा एक तरफ एक परमाणुपुद्गल अने एक तरफ चार द्विप्रदेशिक स्कंधो थाय छे.
जो तेना छ भाग करवामां आवे तो एक तरफ पांच परमाणुपुद्गलो अने एक तरफ एक चतुष्प्रदेशिक स्कंध होय छे.
अ. थवा एक तरफ चार परमाणुपुद्गलो, एक तरफ द्विप्रदेशिक स्कन्ध अने एक तरफ त्रिप्रदेशिक स्कंध होय छे.
१ संचारेंतेहिं घ, संचारिएहिं ङ ।
३४ भ. सू०
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org