Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 03
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Dadar Aradhana Bhavan Jain Poshadhshala Trust
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शतक ९.-उद्देशक ३२.
भगवत्सुधर्मस्वामिप्रणीत भगवतीसूत्र.
१४३
पगे वालुयप्पभाए होजा; एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए दो सक्करप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा । अहवा दो रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए एगे वालुयप्पभाए होजा; एवं जाव अहवा दो रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा। अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए दो पंकप्पभाए होजा; एवं जाव अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए दो अहेसत्तमाए होजा । एवं पएणं गमएणं जहा तिण्हं तियसंजोगो तहा भाणियो; जाव अहवा दो धूमप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा १०५।
अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए होजा १; अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे धूमप्पभाए होजा २, अहृवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे तमाए होजा ३; अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा ४; अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए होजा ५, अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे तमाए होजा ६; अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे अहसत्तमाए होजा ७, अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे तमाए होजा ८; अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सक्करप्पभाए एगे धूमप्पभाए एगे अहेसत्तमाए होजा ९; अहवा एगे रयणप्पभाए एगे सकरप्पभाए एगे तमाए एगे अहेसत्तमाए होजा १०, अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे पंकप्पभाए एगे धूमप्पभाए होजा ११; अहवा एगे रयणप्पभाए एगे वालुयप्पभाए एगे पांच विकल्प थया.] १ अथवा एक रत्नप्रभामां बे शर्कराप्रभामां अने एक वालुकाप्रभामां होय. ए प्रमाणे यावत् ५ एक रत्नप्रभामां बे शर्कराप्रभामा अने एक अधःसप्तम नरकपृथिवीमां होय. [ एम १-२-१ ना पांच विकल्प थया. ] अथवा बे रत्नप्रभामां एक शर्कराप्रभामा अने एक वालुकाप्रभामा होय. ए प्रमाणे यावत् ५ बे रत्नप्रभामां एक शर्कराप्रभामां अने एक अधःसप्तम नरकपृथिवीमा होय. [ए रीते २-१-१ ना पांच विकल्प थया, अने त्रणे विकल्पना मळीने पंदर विकल्पो थया.] १ अथवा एक रत्नप्रभामा एक वालुकाप्रभामां अने बे पंकप्रभामां होय. ए प्रमाणे यावत् ४ एक रत्नप्रभामां एक वालुकाप्रभामां अने बे अधःसप्तम पृथिवीमां होय. ए प्रमाणे ए पाठवडे जेम त्रण नैरयिकनो त्रिकसंयोग कह्यो तेम चार नैरयिकोनो पण त्रिकसंयोग कहेवो. यावत् अथवा १०५ बे धूमप्रभामां एक तमःप्रभामा अने एक अधःसप्तम नरकमा होय.
१ अथवा एक रत्नप्रभामां एक शर्कराप्रभामां एक वालुकाप्रभामां अने एक पंकप्रभामा होय. २ अथवा एक रत्नप्रभामां एक शर्कराप्रभामा एक वालुकाप्रभामां अने एक धूमप्रभामां होय. ३ अथवा एक रत्नप्रभामां एक शर्कराप्रभामां एक वालुकाप्रभामां अने एक तमःप्रभामां होय. ४ अथवा एक रत्नप्रभामां एक शर्कराप्रभामा एक वालुकाप्रभामां अने एक अधःसप्तम नरकपृथिवीमां होय. [चार विकल्प थया. ] १ अथवा एक रत्नप्रभामां एक शर्कराप्रभामां एक पंकप्रभामां अने एक धूमप्रभामा होय. २ अथवा एक रत्नप्रभामां एक शर्कराप्रभामां एक पंकप्रभामां अने एक तमःप्रभामा होय. ३ अथवा एक रत्नप्रभामां एक शर्कराप्रभामां एक पंकप्रभामां अने एक अधःसप्तम नरकमां होय. [त्रण विकल्प थया. १ अथवा एक रत्नप्रभामां एक शर्कराप्रभामां एक.धूमप्रभामां अने एक तमःप्रभामां होय. २ अथवा एक रत्नप्रभामा एक शर्कराप्रभामा एक धूमप्रभामां अने एक अधःसप्तम पृथिवीमां होय. ३ अथवा एक रत्नप्रभामा एक शर्कराप्रभामां एक तमःप्रभामां अने एक अधःसप्तम पृथिवीमा होय. [ए त्रण विकल्प थया.] १ अथवा एक रत्नप्रभामां एक वालुकाप्रभामा एक पंकप्रभामां अने एक धूमप्रभामां होय. २ अथवा एक रत्नप्रभामां एक वालुकाप्रभामां एक पंकप्रभामां अने एक तमःप्रभामा होय. ३ अथवा एक रत्नप्रभामां एक वालुकाप्रभामां एक पंकप्रभामां अने एक अधः सप्तम नरकमा होय. [त्रण विकल्प थया.] १ अथवा एक रत्नप्रभामा एक वालुकाप्रभामां एक धूमप्रभामां अने एक तमःप्रभामां होय. २ अथवा एक रत्नप्रभामां एक वालुकाप्रभामां एक धूमप्रभामां अने एक अधःसप्तम पृथिवीमा होय. [बे विकल्प थया.] १ अथवा एक रत्नप्रभामां एक वालुकाप्रभामां एक तमःप्रभामां अने एक अधःसप्तम पृथिवीमां होय. [एक विकल्प थयो.] १
चतुःसंयोगी ५ विकल्पो.
घ विनाऽन्यत्र जाव अ-। २ तियासंजो-क, तियजो-घ। ३ एवं जाव अहवा ङ। ४ अहेसत्तमाए हो-छ। पंकप्रभा ए बन्नेनो वाकीनी नरकपृथिवी साथे संयोग करवाथी नव विकल्पो थाय, रत्नप्रभा अने धूमप्रभा ए वनेनो बाकीनी पृथिवीओ साथे संयोग करता छ विकल्पो थाय, तथा रत्नप्रभा अने तमःप्रभा ए बन्नेनो तमःतमःप्रभा साथे संयोग करता त्रण विकल्प थाय. ए प्रमाणे रत्नप्रभाना संयोगवाळा १५, १२,-१, ६ अने ३ विकल्पो मळीने कुल पीस्ताळीश विकल्पो थाय छे. वढी पूर्वोक्त त्रण विकल्पोना शर्कराप्रभा अने वालुकाप्रभानो बाकीनी पृथिवीओ साथे संयोग करवाथी बार विकल्प थाय, तेज प्रमाणे शर्कराप्रभा अने पंकप्रभानो बाकी नी पृथिवीओ साथे संयोग करतां नव विकल्पो थाय, शर्करा अने धूमप्रभानो बाकीनी पृथिवीओ साथे संयोग करता छ विकल्प थाय, शर्कराप्रभा अने तमम्प्रभानो तमःतमःप्रभा साथे संयोग करतां त्रण विकल्पो थाय. १२-९-६-३ ए सर्व विकल्पो मळीने शर्कराप्रभाना संयोगवाळा कुल त्रीश विकल्पो थाय छे. हवे पूर्वोक्त त्रण विकल्पोना वालुका अने पंकप्रभानो बीजी पृथ्वीभो साथे संयोग करता नव विकल्प थाय छे. वालुका अने धूमप्रभानो बीजी पृथ्वीओ साथे संयोग करता छ विकल्पो थाय छे, वालुका अने तमाप्रमानो तमतमःप्रभा साथे संयोग करतां त्रण विकल्प थाय छे. ९-६-३ ए बधा मळीने वालुकाप्रभागा संयोगबाळा अढार विकल्पो थाय छ. पंकप्रभा अने धूमप्रभानो धीमी पृथ्वीओ साथे संयोग करतां पूर्वोक्त प्रण विकल्पना छ विकल्पो थाय छे, पंकप्रभा अने तमःप्रभानो तमःतमःप्रभा साथे संयोग करतां त्रण विकल्पो धाय छे. सर्व मळीने पंकप्रभाना संयोगवाळा नव विकल्पो थाय छे. हवे धूमप्रभा, तमःप्रभा तथा तमःतमःप्रभानो संयोग करतां पूर्वोक्त त्रग विकल्प साथे बीजा व्रण विकल्प थाय छे. ए प्रकारे ४५,३०,१८,१,३-ए बधा मळीने एकसो ने पांच विकल्प थाय छे.
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