Book Title: Vichar Pothi
Author(s): Vinoba, Kundar B Diwan
Publisher: Sasta Sahitya Mandal

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Page 18
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विचारपोथी -१७ ७८ १ यूरोपमें विभक्त राष्ट्र-पद्धतिका प्रयोग हो रहा है। हिन्दुस्तान में संयुक्त राष्ट्र-पद्धतिका। ७६ अकर्तृत्वके बिना अहिंसा, सत्य आदि व्रतोंका पूर्णपालन अशक्य है। __ऐश्वर्य ईश्वरका विशेष गुण है । भक्तका वह अभिलषित नहीं है। ८० सत्यकी परिभाषा नहीं है ; क्योंकि परिभाषाका ही आधार सत्य है। ८२ छातीपर पिस्तौल अड़ाकर अनाज लूटनेमें और सोनेकी मुहर देकर उसको खरीद लेनेमें कई बार बिलकुल अन्तर नहीं होता। 'समलोष्टाश्मकांचन;'यह सच्चे अर्थशास्त्रका मुख्य सूत्र है। ८४ धर्म संसारसे मोक्षकी ओर ले जानेवाला पुल है। इसलिए उसका एक पैर संसार में और एक पैर मोक्षमें होता है। सभी धर्म सत्यके अंशावतार हैं। सूर्यनारायण सत्यनारायणकी प्रतिमा है । सूर्योपासना सत्यदर्शनके लिए है। For Private and Personal Use Only

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