Book Title: Syadvad
Author(s): Shankarlal Dahyabhai Kapadia, Chandanmal Lasod
Publisher: Shankarlal Dahyabhai Kapadia

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Page 17
________________ [ ३ ] शिवपुरी (ग्वालियर) दिन १०-६-५१ धर्म सं० २६ देवगुरु भक्तिकारक जैन तत्वज्ञ भाई शङ्करलाल डाह्याभाई, ... .. धर्मलाभ । पत्र और आपकी स्याद्वाद मत समीक्षा - नामक पुस्तक मिली। ... . . .. . : - इस छोटी सी पुस्तिका में आपने स्याद्वाद जैसे सात्विक और गहन विषय का बहुत ही सुन्दर ढङ्ग से विवेचन किया है । भाषा भी सादी और सरल है, जिससे साधारण बुद्धि का व्यक्ति भी स्याद्वाद के तत्व को सरलता के साथ समझ सके । इसके गहन अभ्यास के साथ लेखन कला और भाषा के ऊपर का आपका अधिकार प्रकट होता है। .. .. ऐसी सरल भाषा में तात्विक विषयों की अनेक पुस्तके आपके द्वारा प्रकाशित हों, ऐसा चाहता हूँ। विद्या विजय, स्थान-पालीताणा मोती कड़ीश्रा की मेड़ी, श्रावण शुक्ला ६ सुभावक शङ्करलाल डाराभाई योग, धर्म लाभ । . अभिप्राय के लिये भेजी गई तुम्हारी स्याद्वाद मत समीक्षा नामक बहुमूल्य पुस्तक मिली, कार्ड भी मिल गया है । साद्यन्त पढ़ गया हूँ। फिर भी समयाभाव के कारण उचित ध्यान देकर नहीं पढ़ पाया हूं। लेकिन पढ़ते समय यह रचना बहुत आवश्यक और सिद्धान्तानुकूल जान पड़ी। भाषा की सौष्ठवता को कायम रखते हुए पुस्तक में स्याद्वाद को सर्व योग्य -बनाने का पूरा प्रयत्न किया गया है । इस छोटे पुस्तक रत्न में आपने श्री जिनेश्वर भगवान निदर्शित स्याद्वाद सिद्धान्त को आबाल वृद्ध सभी को रसाद रूप से प्रेरक बने, ऐसे उत्तम और आदर्श तरीके से व्यक्त किया है, यह देख कर आनन्द होता है। इस प्रकार सिद्धान्त की

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