Book Title: Syadvad
Author(s): Shankarlal Dahyabhai Kapadia, Chandanmal Lasod
Publisher: Shankarlal Dahyabhai Kapadia

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Page 106
________________ [ ८७] सब पदार्थों की व्यावृत्ति (अभाव) का कथन नहीं कर सकता । आगम में भी कहा है कि - "जो एक को जानता है, वह सबको जानता है और जो सबको जानता है, वह एक को जानता है" इसी प्रकार जिसने एक पदार्थ को सम्पूर्ण रीत्या जान लिया है, उसने समस्त पदार्थों को सब प्रकार से जान लिया है और जिसने सब पदार्थों' को सब प्रकार से जान लिया है, वह एक पदार्थ को भी भली भाँति जान लेता है । अन्य दर्शन में श्वेतकेतु के पिता अरुणी ने कहा कि "मिट्टी के एक पिण्ड को जानने से मिट्टी से बनी वस्तु मात्र का ज्ञान हो जाता है" यह बात भी इस सिद्धान्त को पुष्ट करती है ।

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