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यह बतला देना उचित है कि चाय, काफी, कोकीन ये सभी वस्तुएँ हानिप्रद हैं; यद्यपि मुझे मालूम है कि मेरा इस बात का समर्थन बहुत कम लोग करेंगे। इन चीजों में एक प्रकार का विष होता है। चाय और कहवे में यदि दूध और खाँड़ न मिलाई जाय, तो इसमें कोई भी पोषक पदार्थ न रह जायगा | बार-बार
के अनुभव से यह मान लिया गया है कि इन वस्तुओं में कोई भी ऐसा पदार्थ नहीं है जो खून को बढ़ा सके कुछ दिनों पहले इसका प्रयोग हम लोग किसी विशेष अवसर पर किया करते थे, परन्तु आज यह एक सामान्य प्रयोग हो गया है ।
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सौभाग्यवश कोकीन की अधिक कीमत होने से साधारण व्यक्ति उसका इस्तेमाल नहीं कर सकते। फिर भी धनिकों के घर में इसका प्रयोग होता रहता है। चाय, काफी एवं कोकोन ये सभी पाचन शक्ति को मन्द करते हैं । ये कितने हानिकारक होते हैं, इस बात से सिद्ध हो जाता है कि जो इसे एक बार भी प्रयोग करता है, उसे इसके बिना नहीं रहा जाता। पहले मुझे स्वयं सुस्ती मालूम होती थी यदि मैं नियमित समय पर चाय नहीं पीता था । एक बार किसी विशेष अवसर पर करीब चार सौ त्रियाँ और बच्चे इकट्ठे थे । प्रबन्धकर्ता उन्हें चाय नहीं देना चाहते थे। जो स्त्रियाँ वहाँ एकत्रित थीं उन्हें चार बजे चाय पीने की आदत थी। अधिकारियों को इस बात की सूचना दी गई कि यदि उन्हें नियमित समय पर चाय नहीं दी गई, तो वे चलनेफिरने तक से लाचार हो जायँगी अतः अधिकारियों को अपनी प्रतिज्ञा भंग करनी पड़ी। चाय बनने में कुछ देर हो गई, जिस वजह से वहाँ बड़ा ही हल्ला हुआ जो स्त्रियों के हाथ में चाय का प्याला देने ही पर शान्त हुआ । मैं इस घटना के कारण को अच्छी तरह से जानता हूँ ।
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दूसरा एक उदाहरण यह है कि एक स्त्री चाय पीने की बुरी