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८- पोशाक
पोशाक भी स्वास्थ्य के लिए किसी हद तक आवश्यक है । यूरोपीय महिलायें अपनी शोभा बढ़ाने के लिए ऐसी पोशाक पहनती हैं जिससे पैर छोटा और कमर पतली रहे। इसके कारण उन्हें अनेक बीमारियाँ हुआ करती हैं। चीन में स्त्रियों के पैर जान-बूझकर हमारे यहाँ के बच्चों के पैर से भी छोटे कर दिये जाते हैं, जिसके फलस्वरूप उनका स्वास्थ्य बिगड़ जाता है । उपरोक्त बातों से अब पाठक समझ गये होंगे कि स्वास्थ्य का सम्बन्ध कुछ अंश में पहिनावे से भी अवश्य है। पोशाक के विषय में हमें अपने बड़े-बूढ़ों का अनुकरण करना पड़ता है । पोशाक के मुख्य उद्देश्य को हम लोग भूल गये हैं और उसे अपने देश, धर्म और जाति का सूचक मानने लगे हैं ऐसी हालत में खास - कर स्वास्थ्य के लिहाज से पोशाक के विषय में विचार करना कठिन प्रतीत होता है । लेकिन इस तरह के वाद-विवाद से हमें अधिकांश लाभ ही होता है। कपड़े, जूते और गहने की भी गणना पोशाक में की जाती है ।
पोशाक का मुख्य उद्देश्य क्या है ? इसे कम लोग जानते हैं, आदिकाल में मनुष्य कपड़ा नहीं पहनते थे। चारों तरफ नंगा फिरा करते थे । वे अपने गुप्त भाग को ढक लेते थे, शेष सारे शरीर को खुला रखते थे जिससे उनकी त्वचा कठिन और बलिष्ट हो जाती थी तथा वे हवा और पानी को अच्छी तरह सहन कर लेते थे, उन्हें कभी ठण्डक नहीं लगती थी। जैसा कि हवा के प्रकरण में वर्णन किया गया है कि हम केवल नाक से ही हवा नहीं लेते बल्कि शरीर के रोम छिद्रां द्वारा भी अपने अन्दर हवा लेते हैं । अतः जब हम कपड़ा पहन लेते हैं तो शरीर के चमड़े की एक बहुत बड़ी क्रिया को रोक देते हैं । ठन्डं देश के लोग ज्यों-ज्यों
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