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अदामी को साँप ने काट लिया । सब लोगों ने उसको मरा हुआ समझ कर उसकी औषधि करनी छोड़ दी । लेकिन मैंने उसे थोड़ी देर तक मिट्टी से ढककर उसे जीवित कर दिया । इस घटना की सत्यता में कुछ सन्देह नहीं किया जा सकता। सभी जानते हैं कि जमीन में गाड़ने से अत्यधिक गर्मी उत्पन्न होती है । यद्यपि मैं यह नहीं कह सकता कि मिट्टी का प्रभाव उस पर किस तरह पड़ा, लेकिन मुझे मानना पड़ता है कि मिट्टी के अन्दर जहर खींच लेने की शक्ति है। हाँ, यह हो सकता है कि हरेक साँप का काटा हुआ इस प्रकार आराम न हो; फिर भी जब किसी को साँप काटे तो यह उपचार करना चाहिए। मैं अपने निजी अनभव के आधार पर यह कह सकता हूँ कि बिच्छू या वैसे ही विषैले जीवों के काटने पर गोलो मिट्टी का लेप बहुत लाभदायक होता है।
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मैंने स्वयं इसका उपचार निम्नांकित रोगों में किया है । पेट, सिर, और आँख के दर्द एवं चोट को सूजन मिट्टी की पुलटिस से दो तीन दिन में आराम होती है । मैं पहले 'एनोज के 'फटसाल्ट' के बिना कभी निरोग नहीं रह सकता था लेकिन सन् १९०४ ई० में जब मुझे मिट्टी की उपयोगिता मालूम हुई तब मैंने उसका आश्रय लिया तब से आज तक कोई ऐसा अवसर नहीं आया जब कि मुझे फ्रूट साल्ट का प्रयोग करना पड़ा हो । कड़े-से कड़े ज्वर में इसको पुलटिस सिर पर और पेड़ में बाँधने से एक दो घंटे में ज्वर कम हो जाता है चर्म रोग जैसे खुजली, दाद और फोड़े-फुन्सी इसके उपचार से शीघ्र आराम होते हैं। जले हुए स्थान पर इसका लेप करने से जलन कम हो जाती है और उस पर फफोले नहीं उठते । गर्मी का भी रोग इससे अच्छा हो सकता है | पाले से जब हाथ पैर लाल पड़ जाते हैं और सूज जाते हैं तब इसका प्रयोग बहुत लाभ पहुँचाता है। हड्डियों के जोड़ की
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