Book Title: Swasthya Sadhan
Author(s): Mohandas Karamchand Gandhi, Gandhiji
Publisher: Gandhi Granthagar Banaras

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Page 109
________________ का असर नहीं पड़ता। लेकिन मुझे स्वयं इस बात का अनुभव नहीं है कि यह कहाँ तक सत्य है जिस मनुष्य ने केवल एक-दो वर्ष से नमक खाना छोड़ दिया है उसका खून इस योग्य नहीं हो सकता, क्योंकि पहले के खाये हुए नमक से उसका खन इतना दूषित हो गया है कि वह इतने थोड़े दिनों के नमक परित्याग से शोध शुद्ध नहीं हो सकता। ___ वैज्ञानिक दृष्टि से देखा गया है कि जिसे अधिक भय या क्रोध हो जाता है, उस पर विपका प्रभाव भी शीघ पड़ता है। सभी जानते हैं कि डर या क्रोध की अवस्था में मनुष्य की नाड़ी और हृदय में पहले की अपेक्षा अधिक धड़कन पदा हो जाती है और नसों में खून का दौरा वेग से होने लगता है। वेग से दौरा होने के कारण खून में अधिक गर्मी पैदा हो जाती है जिससे मनुष्य के स्वास्थ्य पर धक्का पहुँचता है। क्रोध वास्तव में एक प्रकार का ज्वर है। अतः साँप के विष की सब से उत्तम औषधि कम मात्रा में सात्विक भोजन, बुरे भाव जैसे क्रोध-भय का परित्याग और ईश्वर पर पूर्ण भरोसा रखकर उचित उपचार करना ही है। ___ पोर्ट-एलिजावेथ अजायब घर के डाइरेक्टर फिट्जसीम जिन्होंने अपना अधिकांश समय सो के विषय में जानकारी प्राप्त करने में व्यतीत किया है और जो इस विषय के ज्ञाता कहे जाते है, जिन्होंने साफ साफ बतला दिया है कि साँप के काटे मनुष्य की मृत्यु अधिकांश में उनके भय और अनुचित औषधियों के प्रयोग से होती है। हमें याद रखना चाहिए कि सभी सप एक जैसे विषैले नहीं होते और न सभी विषेले सर्षों के काटने से विष का शीघ्र प्रभाव ही होता है। इसके अलावा काटते समय इतना अवकाश सों

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