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बार खाने का प्रचार करते हैं। उनका कहना है कि हमें सुबह में जलपान नहीं करना चाहिए, क्योंकि हम लोगों की नींद ही इस कमी को पूरा कर देती है। सबेरे उठकर हमें काम में लग जाना चाहिए और तीन घंटे काम करने के बाद खाना चाहिए । जो इस नियम पर चलते हैं वे केवल दो बार भोजन करते हैं । डीवे नामक एक अनुभवी डाक्टर नेउ पवास के लाभ पर एक अच्छी पुस्तक लिखी है, जिसमें सुबह का जलपान छोड़ देने के लाभ को अच्छी तरह समझाया है। मैं भी अपने अनुभव से वहीं कहता हूँ कि दो बार से अधिक खाने की आवश्यकता नहीं है।
७-व्यायाम व्यायाम भी स्वास्थ्य के लिए उतना ही आवश्यक है जितना कि हवा, पानी और भोजन | फुटबाल, हाकी तथा क्रिकेट या टहलने ही को केवल व्यायाम नहीं कहते, बल्कि तमाम शारीरिक तथा मानसिक कार्य व्यायाम ही में सम्मिलित हैं। भोजन की तरह, व्यायाम भो शरीर तथा मस्तिक के लिए आवश्यक है। इसके बिना दिमाग भी वैसे ही कमजोर पड़ जाता है जैसे कि शरीर ! कमजोर दिमाग एक तरह का रोग है। एक पहलवान वास्तव में तब तक पहलवान नहीं कहा जा सकता है, जब तक कि उसका दिमाग भी उसके शहीर ही की तरह पुष्ट न हो। हम पहले ही कह चुके हैं कि पुष्ट दिमाग का पुष्ट शरीर में होना ही वास्तविक और सच्चा स्वास्थ्य है।
अब विचार करना है कि कौन से व्यायाम ऐसे हैं। जो शरीर और दिमाग दोनों के लिए पुष्टिकर हैं। वास्तव में प्रकृति ने हमें ऐसा बना रखा है कि हमारे शरीर और दिमाग दोनों को एक ही साथ काम में लाया जा सकता है। संसार में अधिकांश