________________ SUGGESAG454649496 महापदका उपाय जिन धर्ममें विद्यमान है; हे वत्से! तूं अपने पति सहित नवपद महाराजका भक्तिपूर्वक आराधन कर जिससे दुष्टकुष्टादि शिघ्र ही नाश हो जाय गे-वे नवपद ये हैं: 1 अर्हत्पद. 2 सिळपद. 3 आचार्यपद.. .. 4 उपाध्यायपद... 5 साधुपद. 6 दर्शनपद. . ] " 7 ज्ञानपद. 8 चारित्रपद. 9 तपपद. . . . . -ये नव पद जिन शासनमें परम तत्वभृत हैं, नव पदका-सिद्धचक्रका महा मङ्गलकर्ता है। यंत्र विद्याप्रवाद नामके नौवें पूर्वसे उध्धृत किया गया है, यहां पर मुनिश्चन्द्र महाराजने इस पवित्र यन्त्रकी विधि विस्तारपूर्वक दिखाई जिसकी हकीकत प्राचिन लेखी चरित्रोंसे जानी जा. सकती है. गुरुमहाराजने फरमाया हे सुभगे ! यह सिद्ध चक्र परम पद इन्द्र-चन्द्र-नागेंद्र-नरेन्द्रसे सुसेवित SEAAAAAAAG Ac.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradh