________________ चीन HORSECRECCA प्रस्ताव दूसरा. // 21 // मुकाम पर पहुँचने के बाद उम्बर अपनी माताजीको पूछने लगा-दे जननि! मुझको 6 छोड़ कर आप कहां गइथीं, आपने क्या 2 काम किये वगेरा सर्व हकीकत बताईये गा! माहै ताने कहा-हे मेरे प्यारे पुत्र! बहुत औषधियों करने पर भी जब तेरा रोग शमन न हुवा तब किसी एक सत्पात्रकी सलाहसे मैं वैद्यकी तलाश करनेको कौशंबी नगरी गईथी, वहां पर | लोगोंके मुखसे सुना कि वैद्यतो यात्रा करने गया है, अतः मैं उसकी प्रतीक्षा करती हुई वहीं से पर ठहरी; जिन चैत्यमें प्रभुके दर्शनार्थ मैं हमेश जाया करती थी, एक दिन मैने किसी एक शान्त-दान्त-जितेन्द्रीय-ज्ञानी-ध्यानी-करुणारसभंडार-परमोपकारी मुनि महाराजको वंदनहै नमस्कार कर पूछाः-हे मुनिपुङ्गव! मेरा पुत्र रोग मुक्त कब होगा ? तब दयालु मुनिराजश्रीने फरमाया-हे भद्रे! तेने अपने पुत्रको उज्जयनी नगरीमें कुष्टिसमूहको सोंपा है, उन लोगोंने है। उसे अपना स्वामी बना कर ‘नम्बरराणा' ऐसा नाम स्थापन किया है, अभी मालवाधीश्वर // 21 // प्रजापाल राजाकी सुशीला कन्या मदनसुन्दरीके साथ उसका विवाह हो गया है, मुनिश्चन्द्र 5 Jun Gun Aaradi P.AC.Gunratnasuri M.S.