________________ सापालन चरित्र. प्रस्ताव चोथा. // 57 // चौथा-प्रस्ताव.. वीणानादमें जीत. (चौथा विवाह ) किसी एक दिन श्रीपाल कुमार अपने परिवार सहित क्रिड़ा करनेके लिये नगरके उद्याई नमें गये, वहांपर एक संघको उतरता हुवा देखा, इधर घोड़ेपर सवार हुवे कुमारको देखकर || सार्थ-पति इनके नजीक नेटना लेकर आया, इस वख्त कुंवरने पूछा-अहो महाभाग! तुम में कहांसे आये हो-कहां जाना है-क्या कोइ कहींपर आश्चर्य देखा है ? सार्थवाहने कहा-हे महा-ई| Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak