________________ 4 रने लगे, तब श्रीपाल कुमार भी वहांपर आ पहुँचे और धवलका सादर अग्निसंस्कार कराया, है सब मृतक कार्य पूरा कराकर अपने स्थानपर गये, बाद जहाजोंमेंसे धवलके नेक सलाह कारक है उन तीनो मित्रोंको बुलाकर धवलके ठिकाने स्थापित किये और सेठका सब काम उन्हे सोंपाअब श्रीपाल कुमार अपनी तीनो ललनाओंके साथ विषय-सुख भोगते हुवे आनन्दपूर्वक रहने लगे. (r) हिन्दी भाषाके श्रीपाल चरित्रका तीसरा प्रस्ताव सम्पूर्ण हुवा. * ASTROSSESSAGARCISESS-CLOS 3G-ALALAROSHISHIGA KOGO Jun Gun Aaradhak IAC.GunratnasuriM.S.