Book Title: Shripal Charitra
Author(s): Anandsagar
Publisher: Ganeshmal Dadha

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Page 187
________________ RSSC " AAAAA-KARAN MANTRA . आरा -RAMROMASTRASTRASMS श्रीपाल नरेन्द्रका परिवार तथा विभूति नवपद-स्तवना . समाधि-अवसान. REGarbarabardGREE श्रीपाल राजेन्द्रके मयणासुन्दरी प्रमुख नव पट्टरानियें थीं, उनकी कुक्षिमें अवतरित हुवे | त्रिनुवनपाल आदि नव पुत्र थे, नव हज़ार हाथी, नव हजार रथ, नव लक्ष घोड़े और नव कोड़ || | पेदल थे; इसही तरह राजाओं, देश, ग्राम, नोकर, चाकर वगेरा अनेक समृद्धि थी, महाराजा ईन्द्र तुल्य लीला-लहर करते थे; बहुत वर्षोंतक सुखका अनुभव करते हुवे धर्म नीतिद्वारा नि| कंटक राज्यपालते हुवे जब कि नवसो वर्षकी अवस्था हुई तब मयणासुन्दरीके पुत्र त्रिभुवनपाल युवराजको बड़े महोत्सवसे राज्य सिंहासन पर स्थापन किया, पश्चात् योग्यता पूर्वक अपना | RAA - RIAC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhali -%

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