Book Title: Shripal Charitra
Author(s): Anandsagar
Publisher: Ganeshmal Dadha

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Page 133
________________ एक कन्या है, उसके पांच सहेलिये हैं-१ पंडिता 2 विचक्षणा 3 प्रगुणा 4 निपुणा 5 दक्षा; ये 8 तमाम समान वयवाली जिन धर्ममें निपुणा हैं, राज कन्याके पास पांचों सखियें धर्म-करणी करती हैं-एक वख्त राज कुमारिकाने पांचों सहेलियोंके साथ यह प्रतिज्ञा की कि अपन सब || एकही वर करेंगी, जो कि निष्कपटपनसे जिन धर्ममें आसक्त हो, सबने यह बात कबूलकी, है| फिर शृंगार सुन्दरीने कहा-अपने हृदय गत भावोंको समस्याओंसे जो कहदे वही अपना भ तर हो सकता है, अन्य नहीं; यह बात चारों ओर पवनके वेगकी तरह फैल गई, इससे अ-* 5/ नेक पंडितोने आ आकर अपनी बुद्धि टकराइ मगर कोई भी समस्याओंकी पूर्ति न कर सका, 8 अनेक राज-कुमार वहांपर आकर शास्त्राभ्यास करने लगे हैं, मगर अब तक कुछ नहीं हुवा, हे | 6 कुमार ! मैने जो आश्चर्य देखा वह आपके सामने कह सुनाया; यह बात सुनकर कुंवर अपने || मुकामपर आये और वहांपर जानेका निश्चय किया. OXIGENSCHIROPSHOT* AC.Gunratnasun.M.S. Jun Gun Aaradha

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